छत्तीसगढ़: साहसिक एवं जल पर्यटन विकास के लिए 9 जलाशयों का चयन

Update: 2021-03-04 16:57 GMT

रायपुर। लोक निर्माण, गृह, जेल, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा आज विधानसभा में आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए विभागों के लिए प्रस्तुत 10708 करोड़ 91 लाख 94 हजार रूपए की अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित की गई। अनुदान मांगों पर विधानसभा के 11 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। पारित अनुदान मांगों में लोक निर्माण विभाग के लिए 5062 करोड़ 75 लाख 5 हजार रूपए, गृह विभाग के लिए 5314 करोड़ 52 लाख 14 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 1095 करोड़ 85 लाख 85 हजार रूपए, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के लिए 19 करोड़ 73 लाख 50 हजार रूपए और पर्यटन विभाग के लिए 116 करोड़ 5 लाख 40 हजार रूपए शामिल है।

मंत्री श्री साहू ने बताया कि धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के अंतर्गत प्रदेश के धार्मिक न्यासों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तर पर संचालनालय एवं संभाग स्तर पर अधीनस्थ कार्यालयों के गठन की कार्यवाही की जा रही है। इससे प्रदेश के भीतर विभिन्न न्यासों, ट्रस्टों, समितियों एवं मंदिरों के खर्च, आय-व्यय, रख-रखाव की जानकारी अद्यतन और उन पर समुचित नियंत्रण हो सकेगा। उन्होंने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में सेवादारों के मानदेय में वृद्धि के लिए 30 लाख रूपए, मंदिर आदि को पोषण अनुदान के लिए 38 लाख 50 हजार, समाधियों, मंदिरों का रख-रखाव और अन्य भत्तों के लिए 25 लाख, राजिम, गिरौदपुरी एवं लालपुर में जन सुविधा उपलब्ध कराने अनुदान के लिए 9 करोड़, सिंधुदर्शन-कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए एक करोड़ 30 लाख, मंदिरों तथा धार्मिक स्थल पर धर्मशाला आदि निर्माण के लिए 5 करोड़, शासकीय मंदिरों के जीर्णोंद्धार के लिए एक करोड़ 50 लाख, संचालनालय धर्मस्व तथा अधीनस्थ कार्यालयों की स्थापना के लिए एक करोड़ रूपए तथा अन्य संस्थाओं को अनुदान के लिए एक करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।

मंत्री श्री साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने आप में एक समृद्ध पर्यटन राज्य है। यहां मुख्य रूप से वाइल्ड टूरिज्म, वाटर टूरिज्म और एवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। किसी भी प्रदेश की पहचान उनके पर्यटन स्थलों से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर होती है। अब तक छत्तीसगढ़ में 139 पर्यटन स्थल चिन्हित किए जा चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास में सर्वाधिक ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्रों जैसे कुरदर, सरोधादादर, कोण्डागांव, जशपुर, नथियानवागांव एवं सतरेंगा के विकास से राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए नई पर्यटन नीति 2020 लागू की गई है। इसके तहत राज्य में होम स्टे एवं बेड एण्ड ब्रेक फास्ट योजना, जल पर्यटन गतिविधियों के लायसेंस जारी करने के लिए नियम एवं निर्देश तथा छत्तीसगढ़ राज्य एग्रो टूरिज्म दिशा-निर्देश तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहली बार जल पर्यटन विकसित करने तथा स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने योजनाबद्ध ढंग से कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत 9 जलाशयों का चयन किया गया है। इनमें माड़मसिल्ली जिला धमतरी, सतरेंगा (हसदेव बागो जलाशय) जिला कोरबा, संजय गांधी जलाशय (खुटाघाट बांध) रतनपुर जिला बिलासपुर, गंगरेला जिला धमतरी, सरोदा बांध जिला कबीरधाम, समोदा बैराज एवं कोडार डैम जिला रायपुर, मलेनिया जिला गौरेला और दूधावा जिला कांकेर शामिल है।

मंत्री श्री साहू ने बताया कि राज्य में पांच केन्द्रीय जेल, 12 जिला जेल और 16 उप जेल हैं। जेलों में बंदी आवास क्षमता 13 हजार 704 है, जिसके विरूद्ध एक फरवरी 2021 की स्थिति में 19 हजार 519 बंदी परिरूद्ध रहे। जेलों में बंदी आवास क्षमता बढ़ाने नये जेलों का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत बिलासपुर जिले के ग्राम बैमानगोई में 50 एकड़ आवंटित भूमि पर विशेष जेल निर्माण के लिए 127 करोड़ 21 लाख रूपए, बेमेतरा जिले के ग्राम पर्थरा में आबंटित 25.20 एकड़ भूमि पर खुली जेल निर्माण के लिए 23 करोड़ 41 लाख और रायपुर जिले के ग्राम गोढ़ी में आबंटित लगभग 85 एकड़ शासकीय भूमि पर विशेष जेल निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कंसलटेंट नियुक्त की जा रही है।

मंत्री श्री साहू ने कहा कि वर्ष 2021-22 का बजट इस सदी की भीषण त्रासदी कोरोना महामारी से उबरने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का बजट है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग इस त्रासदी पर पूरी शक्ति के साथ मुकाबला किया तथा अनेक कार्य किए हैं। प्रदेश के बेरोजगारों की समस्याओं को देखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए निर्माण कार्यों हेतु अनुबंध में इंजीनियरों की नियुक्ति किए जाने का प्रावधान रखा गया है। अनुबंध में डिप्लोमा इंजीनियर को 15 हजार, डिग्री इंजीनियर को 25 हजार तथा प्रोजेक्ट मेनेजर को 50 हजार रूपए प्रति माह वेतन देने का प्रावधान किया गया है। इस नियम के तहत अब तक लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारों द्वारा 2 प्रोजेक्ट मेनेजर, 64 डिग्री इंजीनियरों तथा 34 डिप्लोमा इंजीनियरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बेरोजगार युवकों को ब्लॉक स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने सभी विभागों के निर्माण कार्यों के लिए ई-श्रेणी में पंजीकृत युवकों को एक वर्ष में 50 लाख रूपए के कार्य प्रदाए किए जाने की योजना लागू की गई है।

मंत्री श्री साहू ने कहा कि प्रदेश के विकास में बेहतर कानून व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान है। खासतौर पर माओवाद प्रभावित क्षेत्र में बिना सुरक्षा के विकास कार्य करना लगभग नामुमकिन है। प्रदेश में वामपंथ उग्रवाद से निपटने के लिए पुलिस एक्शन एवं विकास के कार्यों के साथ-साथ विश्वास कायम करने का प्रयास किया गया है। जिसके बेहतर परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग व्यवस्था में सुधार करने तथा बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह विभाग दृढ़ संकल्पित है। नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने बस्तर फाईटर नाम से विशेष बल के गठन का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि वामपंथ उग्रवाद से निपटना सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। केन्द्र एवं राज्य पुलिस बलों द्वारा संयुक्त रूप से माओवाद फ्रंट पर बेहतर कार्य किया जा रहा है। हमारी मान्यता बस्तर के युवाओं को बंदूक की जगह हल पकड़ाना है। नक्सल मूवमेंट खत्म करने विश्वास, विकास और सुरक्षा की रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गृह विभाग के नवीन मद में 24 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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