सरपंचों से लाखों की ठगी, जांच में जुटी पुलिस

छत्तीसगढ़

Update: 2022-03-10 07:39 GMT

धरसींवा। आनलाइन ठगी करने वाले शातिरों के निशाने पर अब ग्राम पंचायतें आ गई हैं। केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना जल जीवन मिशन के नाम पर ठग,पंचायतों के सरपंच और सचिवों को फोन कर ठगी का शिकार बना रहे हैं। जहां जनपद पंचायत धरसींवा के आधा दर्जन सरपंचों से ठगी कर ली गई है।

वहीं अचानक बुधवार की दोपहर जब सरपंचों ने एक दूसरे से पूछा तो लगभग दर्जन भर सरपंच से लाखों की ठगी का मामला उजागर हुआ। बता दें कि ठगों ने मजदूरों को पेमेंट करने के लिए सरपंच के खाते में दस रुपये डाल कर चेक करने के बहाने 50 हजार से ऊपर की राशि निकाल ली। ठगों ने इसी फार्मूला से सभी पंचायतों में ठगीकी है। घटना के बाद पीएचई विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

जानकारी के मुताबिक पीएचई विभाग जल जीवन मिशन योजना के तहत प्रत्येक गांवों में अपना कार्य कर रहे हैं, जहां बाहरी ब्यक्तियों को ही ठेका दिया गया। जिसके तहत जनपद पंचायत धरसींवा क्षेत्र में आनलाइन ठगी करने वाले शातिर पंचायतों के सरपंच और सचिवों को काल करके राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत पंचायतों में स्वीकृत हुए कार्यों की जानकारी देते हुए काम को पूरा करने के लिए मजदूरों की टीम भेजने की जानकारी देते हैं।
जाल में फांसने के लिए ठग,पंचायतों के जनप्रतिनिधि और सचिव को मजदूरों के रहने और खाने के खर्चे के लिए उनके खाते में आनलाइन 50 हजार रुपए ट्रांसफर करने का लालच देकर उनसे फोन पे, या आनलाइन वालेट की जानकारी हासिल करते हैं। इस झांसे में ग्राम पंचायत दोन्देकला, साकरा,बनारसी सहित आधा दर्जन पंचायत में लाखों रुपये की ठगी का खेल कर गए।
ग्राम पंचायत दोन्देकला के सरपंच पति अरविंद सिंह ठाकुर और साकरा के सरपंच वर्षा शर्मा ने बताया कि नल जल मिशन का ठेकेदार बनकर रमेश चन्द्र गुप्ता बोल रहा हूं करके फोन किये और कहा कि आप के गांव में नल जल योजना के लिए मजदूर कार्य करने के लिए कल से आएंगे। उसे कुछ पैसे देने हैं, हम आप को फोन पे कर रहे हैं करके बोले औऱ ओटीपी नम्बर मांगे ओर दस रुपये डाल कर चेक करने के बहाने 50 हजार रुपये निकाल लिए।
हालांकि इस घटना की रिपोर्ट साइबर सेल में मामला दर्ज कराए गए हैं, वहीं धरसींवा, सिलतरा पुलिस चौकी में भी कुछ सरपंच ने मामला दर्ज कराया है। इस तरह ठगी के शिकार हुए सरपंचों का कहना है कि धरसींवा क्षेत्र के कई छुटभैया नेताओं सहित जल जीवन मिशन से लेकर अन्य योजनाओं में बेजा दखल बनाया हुआ है। जहां अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी चुप्पी साधे हुए हैं।
बता दें कि कुछ छुटभैया नेता तो फोन पर ही राजीव मितान समिति की गठन कर उनके कार्यालय में जमा करने का दबाव और कई मदों पर आने वाले विकास कार्य पर सबसे पहले दलालों को पता चलता है, उनके बाद सरपंच तक खबर आती है कि यहां कोई विकास कार्य होना है। जिससे सरपंच भ्रमित हो रहे हैं और इस तरह के ठगी का शिकार हो रहे हैं।
वर्जन
पीएचई विभाग में कोई भी ठेकेदार इस नाम से नहीं है और सरपंचों से निवेदन है कि इस तरह किसी भी अजनबी से कोई लेन देन न करें। फिर भी विभाग के तरफ से जांच के आदेश दिया गया है।
बीएन भोयर, कार्यपालन अभियंता रायपुर
वर्जन
कोई भी ब्यक्ति हो या कोई भी विभाग हो ग्राम पंचायत में अगर बेजा अधिकारिक दबाव बनाता है उस पर नजर रखें और उनकी आईडी भी पूछें। इस घटना की जानकारी ली जा रही है। जांच किया जा रहा है।
वीरेंद्र जायसवाल, सीईओ जनपद पंचायत, धरसींवा
वर्जन
ग्राम पंचायत साकरा के सरपंच ने ऑनलाइन ठगी होने की शिकायत दर्ज कराए है जिसकी रिपोर्ट बना कर साइबर सेल को भेजा गया है।जांच किया जा रहा है।
प्रियेश जान, चौकी प्रभारी, सिलतरा

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