पीडीएस चावल के बदले पहुंचा सस्ती कंपनी का चावल, उपसरपंच ने मचाया बवाल

छत्तीसगढ़

Update: 2022-02-13 17:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जशपुर। जिले के ग्राम पंचायत घुमरा में पीडीएस चावल की अफरा तफरी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि जल ही जीवन है मिशन के तहत ग्राम पंचायत में कार्य करने वाले बाहर के मजदूरों को एक शासकीय भवन में ठहराया गया है।

यहां के उपसरपंच हरिहर को पता चला कि इसी जगह पर पीएडीएस चावल की बोरियां रखी हुई है। उपसरपंच ऑन कैमरा उस जगह पहुंच गए जहां पर 7 बोरी चावल की बोरियां, नमक और चना के पैकेट रखे हुए थे। उपसरपंच ने जब वहां मौजूद मजदूरों से बात की तो उन्होंने बताया कि चावल किसी रंगोली गाँव से वे लाये है।

मजदूरों ने बताया कि चावल तो पीएडीएस का है लेकिन यह चावल वे अपने गाँव और रिश्तेदार सचिव के सोर्स से लाये है लेकिन जब उपसरपंच ने चावल की बोरियो के उपर लगाए गए पर्ची को देखा तो पता चला चावल की बोरियां पत्थल गाँव के विजय राइस मिल से आई है। इन पर्चियों में पूरी डिटेल जानकारियां दी हुई है।

उपसरपंच ने बताया कि यह चावल इसी पंचायत का है लेकिन जब इस घुमरा सरपंच नरहरि देहरी से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि यह चावल उनके हिस्से का है। वह पंचायत से चाबल नही उठाते है और जब उनके हिस्से का ढेर सारा चावल इकट्ठा हो जाता है तो वह दूसरे को खाने के लिए दे देते है। सरपंच ने बताया कि 35 किलो चावल उसके नाम से भी आता है लेकिन वह चावल कभी नही उठाते।कूल मिलाकर सरपँच का कहना है कि यहाँ रखी बोरियो में चावल उसके हिस्से का है कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
अब सवाल यह है कि जब चावल इसी पंचायत का है तो मजदूरों ने झूठ क्यों बोला कि यह चावल उनका है और वे अपने गाँव से लाये है और दूसरा बड़ा सवाल यह कि जब सरपँच के हिस्से का चावल सरपंच नहीं उठाते फिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गयी कि एक ही साथ 7 बोरी चावल को एकमुश्त उठाकर किसी खाश जगह पर रखना पड़ गया।
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