रायपुर। दुर्ग जिले के पाटन निवासी चमन लाल कोसे पर्वतारोहण क्षेत्र में नया रिकॉर्ड कायम करने जा रहे है। चमन अब तंजानिया मे अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलीमंजारो फतह करेंगे। पर्वतारोही चमन का अपने कैरियर में अंतर्राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया आर्थिक सहयोग। अगले महीने 15 सितंबर को रायपुर से इस अभियान के लिए निकलेंगे। चमन अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (19,341 फिट / 5,895 मीटर) की ऊंची चोटी पर चढ़ाई करेंगे। जो कि महाद्वीपो के पहाड़ो की ऊँचाई की रैंकिंग में चौथा सबसे ऊंची चोटी है। चमन लाल कोसे माउंट किलिमंजारो पीक को 8-10 दिनों में फतह करेंगे। इस दौरान लगभग माइनस (-15 डिग्री) तापमान तक मे ट्रेकिंग के द्वारा लगभग 53 किलोमीटर दूरी तय करके पूरा करेंगे।
ये रही अभियान की विशेषता
चमन लाल कोसे अल्पाइन टेक्निक क्लाइम्बिंग के साथ साथ विंटर एक्सपीडिशन में एक्सपर्ट है। अल्पाइन टेक्निक से क्लाइम्बिंग यानी इस चढ़ाई में अमूमन 1-2 लोग ही होते हैं और अभियान को पूरा करते हैं। यह पर्वतारोहण के क्षेत्र में सबसे उच्चतम श्रेणी की विधा है। राष्ट्रीय स्तर पर विंटर एक्सपीडिशन करने वाले भी छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति चमन लाल कोसे हैं। सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहाड़ों पर छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम पर्वतारोही राहुल गुप्ता 'माउंटेन मेन' ने वर्ष 2015 से एक्सपीडिशन करना शुरू किया था।
पहले भी शिखर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का झंडा फहरा कर दिया था संदेश
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को एडवेंचर स्पोर्ट्स के जरिये बढ़ावा देने लिए चमन ने 17,353 फीट पर हिमाचल प्रदेश के माउंट फ्रेंडशिप पीक "छत्तीसगढ़िया ओलंपिक" का झंडा फहराया था। इस अभियान के लिए चमन लाल कोसे ने अपने विधायक और प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का आभार व्यक्त अपने तरीके से किया है। चमन ने सीएम भूपेश बघेल को समर्पित करते हुए #पाटनवालेकका का पोस्टर शिखर पर फहराया था। उन्होंने कहा कका के सहयोग के बिना पर्वतारोही बन पाना संभव नहीं था।
कौन हैं चमन
26 वर्षीय चमन लाल कोसे दुर्ग जिले के पाटन के निवासी हैं। चमन एक मध्यम वर्गीय परिवार के है। उनके पिता एक किसान हैं। साथ ही चमन वर्तमान समय में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर में समाजकार्य विभाग (MSW) के तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी हैं।
पर्वतारोही चमन लाल कोसे ने सिक्किम के पर्वतारोहण संस्थान से माउंटेनियरिंग (पर्वतारोहण) और माउंट आबू, राजस्थान में स्थित स्वामी विवेकानंद इंस्टिट्यूट से रॉक क्लाइम्बिंग का कोर्स किया है। पर्वतारोहण जैसे साहसिक खेलों के क्षेत्र में पिछले 5 सालों का अनुभव रहा है। उन्होंने उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ के एडवेंचर स्पोर्ट्स बेस्ड कंपनी व संस्थान में भी काम सीखा है।