CG: युवक को बैंक ने नौकरी से निकाला, बन गया ठग, बुजुर्ग का ATM कार्ड ब्लॉक कराकर 7 लाख किया पार
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रायगढ़: छत्तीसगढ़ में एक युवक को बैंक ने नौकरी से निकाला तो वह ठग बन गया। उसे लगने लगा कि उसके राज का भंडाफोड़ नहीं हो पाएगा। मगर उसके साथी की जुए की लत ने उसे जेल पहुंचा दिया है। उसने इस पूरे प्रकरण में एक और युवक को भी शामिल किया था। वह जुआ खेलने का शौकीन था। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
दोनों ने मिलकर बुजुर्ग के साथ बड़े ही शातिर अंदाज में धोखाधड़ी। दोनों ने बुजुर्ग को झांसे में लेकर पहले तो उनका सिम ले लिया था। फिर उसी सिम से उनका ATM कार्ड ब्लॉक कराया। इसके बाद दूसरा ATM निकालकर उनके खाते से करीब 7 लाख रुपए निकाल लिए थे। मामला खरसिया चौकी क्षेत्र का है।
दरअसल, जांजगीर के ओड़केला निवासी घसिया राठिया (58) ने 18 मार्च 2021 को इस मामले की शिकायत चौकी में की थी। उसने बताया था कि उसका खाता खरसिया के आईडीएफसी बैंक में है। जो उसके फोन नंबर से जुड़ा हुआ है। उसने बताया कि 3 मार्च को वह बैंक पैसे निकालने गया था। तब उसे पता चला कि उसके नंबर से किसी ने नया ATM कार्ड निकलवाया है। साथ ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से 6 लाख 80 हजार रुपए निकाल लिए गए हैं। पुलिस ने घसिया की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया था।
केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की थी। मगर पुलिस को काफी दिनों तक कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि जो ट्रांजेक्शन हुआ है, वह जांजगीर के जैजैपुर क्षेत्र में हुआ है। पुलिस को यह भी पता चला कि यहां एक युवक लाकेश्वर चंद्रा(24) है। जो कुछ करता नहीं, मगर जुए में काफी पैसा लगा रहा है और हार भी रहा है। यह पता चलने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था और उससे पूछताछ शुरू की थी।
पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि इस घटना में उसके साथ शिव कुमार साहू (27) भी शामिल है। दोनों जांजगीर के जैजैपुर इलाके के ही रहने वाले हैं। लाकेश्वर चंद्रा ने बताया कि शिव भी जुआ खेलने का आदी है। लाकेश्वर के बयान के आधार पर पुलिस ने शिव को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
इधर, पूछताछ में शिव ने जो जानकारी दी है, वह चौंकाने वाला है। उसने बताया कि वह 2019 से 2020 तक आईडीएफसी बैंक खरसिया में काम करता था। उस दौरान भी उसने तेलीकोट गांव की एक महिला के खाते से 4 लाख निकाल लिए थे। जिसके बाद बैंक ने उसे नौकरी से ही निकाल दिया। इतना ही नहीं आरबीआई ने उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था। जिसकी वजह से उसे अब किसी बैंक में नौकरी भी नहीं लगती। इसी वजह से उसने पूरा प्लान बनाया था।
शिव ने बताया कि उसके पास एक बैंक की डायरी है। जिसमें सभी खाताधारक का नाम, नंबर और संबंधित डिटेल्स हैं। उसने बताया कि उसे बैंक से पैसे कैसे निकालने हैं। उसे बहुत अच्छे से आता था। शिव ने यह भी कहा कि उसे लगा ही नहीं था कि उसके ये ठगी पकड़ी जाएगी। पूछताछ में उसने कहा कि घटना को अंजाम देने लाकेश्वर चंद्रा को शामिल किया था और घसिया राठिया के घर भेजा था। शिव को घसिया के बैंक खाते से संबंधित सारी जानकारी पहले से मालूम थी। इसलिए उसने घसिया को ही टारगेट किया था.
आरोपी लाकेश्वर, शिव के कहने पर ही 10 फरवरी 2021 को घसिया के घर गया था। तब लाकेश्वर ने घसिया से कहा था कि आपका नंबर बंद हो जाएगा। सिम में समस्या है। आप ये सिम मुझे दे दीजिए। मैं सही करवा दूंगा। यही बात सुनकर घसिया उसके झांसे में आ गया था और उसने सिम निकालकर लाकेश्वर को दे दिया था। ये वही सिम था, जिससे घसिया का बैंक खाता जुड़ा हुआ था। सिम लेने के बाद लाकेश्वर ने सिम को शिव को दिया था। इसी सिम को लेकर शिव ने पहले तो पुराने एटीएम को ब्लॉक कर करवा दिया। इसके बाद उसी नंबर से नया एटीएम निकलवाया और धीरे-धीरे कर खाते से 6 लाख 80 हजार निकाले थे।