CG: साइबर अपराध के विरुद्ध राज्य व्यापी साईबर जन जागरूकता अभियान

छग

Update: 2024-10-05 16:39 GMT
Raipur. रायपुर। शेयर ट्रेडिंग के सायबर अपराध में साइबर अपराधियों द्वारा किसी नामचिन शेयर ट्रेडिंग कंपनी एवं उसके संचालक सदस्यों का छद्म नाम एवं रूप धरकर लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप एवं टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से जोड़ा जाता है। तथा शेयर ट्रेडिंग के व्हाट्सएप ग्रुप में पूर्व से ही साइबर अपराधियों के अन्य लोग भी शेयर ट्रेडिंग व्यवसायी के रूप में जुड़े हुए होते हैं, जिनके द्वारा समय-समय पर अत्यधिक मुनाफा कमाए जाने का मैसेज एवं स्क्रीनशॉट ग्रुप में शेयर किया जाता है। जिससे इस धोखाधड़ी हेतु बने ग्रुप में जुड़ा हुआ नए व्यक्ति यही समझ पाता है, की यह ग्रुप बहुत ही अच्छा है एवं कम समय में काफी अधिक मुनाफा दे रहा है । इस बीच साइबर अपराधी नए जुड़े लोगों को शेयर ट्रेडिंग के असली वेबसाइट के जरिए कुछ शेयर तथा आईपीओ खरीदी करवाता है तथा काफी अधिक मुनाफा पहली किस्त में दिया जाता है। इसके अलावा शिकार को स्वयं के द्वारा बनाए गए फर्जी एप्लीकेशन एवं वेबसाइट पर इन्वेस्टमेंट करने हेतु लॉगिन आईडी तथा पासवर्ड उपलब्ध कराता है। इन्हीं सब बातों से प्रभावित होकर शिकार इनके जाल में फंस जाता है और साथ ही साथ अपनी मेहनत से कमाई गई रकम को फ्रॉडस्टर के बताए गए विभिन्न खातों में लगातार जमा करता जाता है तथा जब पैसे निकालने का प्रयास शिकार द्वारा किया जाता है।

तब एप्लीकेशन उन्हें रकम निकासी की सुविधा प्रदान नहीं करता तथा साइबर अपराधी अपने शिकार को किसी अन्य आईपीओ एवं शेयर खरीदी का झांसा देता है साथ ही साथ फर्जी कमाई का कुछ प्रतिशत हिस्सा टैक्स के रूप में मांगता है। इस स्थिति में भी शिकार यह नहीं समझ पाता कि वह ठगी के प्रपंच में फंसा हुआ है और वह अपने गाड़ी कमाई के रकम को डूब जाने से बचाने के लिए कुछ और पैसे भी साइबर अपराधियों को उनके बताए गए फर्जी खातों पर जमा कर देता है। शेयर ट्रेडिंग के साइबर अपराध में अपराधियों द्वारा हमेशा फर्जी सिम तथा फर्जी चालू खातों का उपयोग किया जाता है कुछ लोग कुछ पैसे की लालच में ही अपने चालू खाता करंट अकाउंट को किराए पर ऐसे फ्रॉडस्टर को उपलब्ध कराते हैं जिस वजह से ही फ्रॉडस्टर अपने
रकम
को एक खाते से दूसरे खाते तक आईएमपीएस आरटीजीएस या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए इन खातों में समय-समय पर ट्रांसफर कर देता है जिससे यह अपराध और भी पेचीदा हो जाता है। शेयर बाजार में अधिक फायदा दिलाने का लालच देकर अपराधी ठगी कर रहे हैं, सावधानी रखें किसी भी अनजान व्हाट्सएप ग्रुप या टेलीग्राम ग्रुप पर कोई जोड़ तो तुरंत ग्रुप छोड़ दें। नहीं तो ग्रुप में जुड़े लोगों के मैसेज, स्क्रीन शॉट आपको भ्रमित करेंगे और आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं कोई भी कंपनी तुरंत या कम समय में आपको लाखों, करोड़ों का मुनाफा नहीं दे सकती है इस कारण इस तरह के ऑफर को पहले अच्छे से परख लें। किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप/टेलीग्राम ग्रुप पर दिखाई दे रहे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े ग्राफ चार्ट पर विश्वास ना करें, यह झांसे में लेने के लिए फर्जी तरीके से बनाया जा रहा है। सेबी में रजिस्ट्रेशन नंबर चेक करना भर पर्याप्त नही है। आप जिस बैंक खाता या न्च्प् आई डी में पेमेंट करने वालें हों उसे भी पूरी तरह वेरिफाई कर लें किसी तरह के साइबर फ्रॉड होने पर आप तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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