CG NEWS: तेंदुए की खाल की तस्करी करनेे वाले दो आरोपित किया था गिरफ्तार, तीसरे का नहीं मिल रहा सुराग
छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों के शिकार पर लगाम नहीं लग पा रहा है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों के शिकार पर लगाम नहीं लग पा रहा है। वन विभाग शिकारियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बना रहा है। इस कारण आए दिन वन्यजीवों का शिकार हो रहा है। राजधानी रायपुर स्थित माना पुलिस ने तेंदुए की खाल की तस्करी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। तीसरा आरोपित पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाया है। पुलिस की पूछताछ में कोरिया जिले से तेंदुए की खाल को खरीदने की बात सामने आई है। माना पुलिस ने खाल की जांच का काम वन विभाग के डाक्टरों को सौंपा है। डाक्टरों की टीम जांच कर प्रारंभिक रिपोर्ट जल्द पुलिस को सौंपेगी। उसके बाद वन विभाग तेंदुए की खाल को भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) देहरादून जांच के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है।
ज्ञात हो कि 29 जुलाई को माना पुलिस मुखबिर की सूचना पर वीआइपी रोड ग्राम टैमरी के पास दो पहिया वाहन में दो व्यक्ति अवैध रूप से वन्य प्राणी तेंदुआ की खाल लेकर उसे बेचने ग्राहक की तलाश कर रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर दोनों संदेहियों गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपित आनंद नगर तेलीबांधा निवासी निखिल कुमार और सरसींवा निवासी मनीष कुमार से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपितों ने खाल को गिरजापुर जिला कोरिया निवासी विक्रम कुशवाहा उर्फ मनोज कुमार कुशवाहा से खरीदना स्वीकार किया। पुलिस ने दोनों आरोपितों पर वन्य प्राणी संरक्षण की धारा 09, 39(ख), 49 (ब), 51 और लोक संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 03 के तहत अपराध दर्ज किया है। 12 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी पुलिस और वन विभाग की टीम तीसरे आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
इनका कहना है
इस संबंध में डीएफओ रायपुर विश्वेश कुमार ने कहा कि तेंदुए की खाल के साथ आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने खाल की जांच के लिए भेजा था। वन विभाग के चिकित्सकों द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट एक-दो दिन में पुलिस को सौंप दी जाएगी।
मामले के संबंध में थाना प्रभारी माना दुर्गेश रावटे ने कहा कि तेंदुए की खाल के मामले में तीसरा आरोपित अभी तक फरार है। खाल जब्त कर जांच के लिए वन विभाग को सौंपा गया है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।