CG BREAKING: वन रेंजर भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला

छग

Update: 2024-08-09 14:05 GMT
Bilaspur. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ वन सेवा भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट में फेल हो चुके लोगों को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। सरकार के इस जवाब के बाद हाई कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी है। दरअसल भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में 8 अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी। याचिका में अभ्यर्थियों ने कहा था कि फेल उम्मीदवारों को मौका देकर सरकार वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवारों को उनके अधिकार से वंचित कर रही है। यह नियमों और प्रावधानों के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद वन सेवा भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी थी। अब याचिका निराकृत कर दी गई है। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब खाली पड़े रेंजर के 49 पदों को वेटिंग लिस्ट के 77 उम्मीदवारों से भरा जाएगा।


याचिका के अनुसार कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020 में वन विभाग में भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इसके तहत सीजी पीएससी द्वारा वर्ष 2021 में वन सेवा भर्ती की परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद 3 जून 2023 को इस परीक्षा का परिणाम सीजीइपीएससी द्वारा जारी कर मुख्य एवं अनुपूरक सूची जारी की गई। इसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर कार्यालय में चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज परीक्षण के बाद 12 सितंबर 2023 को शारीरिक मापदंड परीक्षा ली गई। इसके बाद से गड़बड़ी शुरू हो गई। इस गड़बड़ी के खिलाफ बस्तर के योगेश बघेल, मधुसूदन मौर्या, घनश्याम और 6 अन्य लोगों ने याचिका लगाई है।


याचिका में कहा गया कि 12 सितंबर को आयोजित शारीरिक मापदंड परीक्षा में 4 घंटे के भीतर 26 किलोमीटर पैदल चलना था। जिसमें 20 से अधिक अभ्यर्थी इस परीक्षा में असफल रहे। लिहाजा वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को उन अभ्यर्थियों के स्थान पर फिजिकल टेस्ट के लिए मौका दिया जाना था। अनुपूरक सूची में दर्ज अभ्यर्थियों को मौका नहीं देकर फिजिकल टेस्ट में फेल हुए अभ्यर्थियों को दोबारा मौका दिए जाने का फैसला ले लिया। इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया कि इस पूरे मामले को लेकर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की गई लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।


अनुपूरक सूची में दर्ज याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि अधिकारी अपने कुछ विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में परिवर्तन कर मनमानी कर रहे हैं। याचिका के अनुसार फिजिकल टेस्ट में फेल हुए अभ्यर्थियों को दोबारा मौका दिए जाने का कोई नियम ही नहीं और ना ही जारी विज्ञापन में इसका प्रावधान था। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट वन सेवा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और शासन को नोटिस जारी किया था। जवाब में शासन की ओर से कहा गया कि इस बारे में अब फैसला ले लिया गया है कि वन सेवा भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट में फेल हो चुके लोगों को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। बता दें कि भर्ती प्रक्रिया कुल 211 पदों के लिए थी। इसमें से रेंजर के 177 पदों में 128 पद भरे गए तो 49 पद खाली हैं। इसी तरह एसीएफ के 34 पदों में से 32 भरे गए 2 खाली हैं।
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