CG BREAKING: विधायक मोतीलाल साहू के पारिवारिक सदस्यों के साथ मारपीट
थाने में शिकायत की प्रक्रिया जारी
Balodabazar. बलौदाबाजार। सोमवार को बलौदा बाजार में कलेक्टर और एसपी ऑफिस जला दिया गया। कुछ दिन पहले यहां जैतखाम तोड़े जाने को विरोध प्रदर्शन चल रहा था जो उग्र हो गया। जब शाम होते-होते मामला ठंडा हुआ तो एक नया कांड सामने आया। बलौदा बाजार जिले में पुलिस की वर्दी पहने कुछ युवकों ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक मोतीलाल साहू के रिश्तेदारों के साथ मारपीट की है। इस घटना की जानकारी देते हुए विधायक मोतीलाल साहू ने बताया कि मेरे घर के बच्चे अपने कुछ है सहकर्मियों के साथ बलौदाबाजार गया हुआ था। वह अपनी कार से यह पूछते हुए आगे बढ़ रहा था कि विरोध थम गया या नहीं। जब जानकारी मिली कि सब कुछ शांत हो चुका है वह अपने काम से जा रहा था। तभी उसपर हमला हुआ। मोतीलाल साहू ने बताया पुलिस की वर्दी पहने युवकों ने रोककर उसे उतारा और सीधे पिटाई करने लगे। उन्होंने कुछ नहीं बताया वह सीधा हमला करने लगे। हमलावरों ने मेरे परिजन की कार के शीशे तोड़ दिए। MLA Motilal Sahu
मेरे रिश्तेदार एकलव्य साहू Eklavya Sahu और उसके साथ मौजूद कर्मचारियों को बुरी तरह से पिता। इस पिटाई से एकलव्य का कान फट गया है, खून बह रहा है। वह लहूलुहान हालत में जैसे तैसे खुद को बचाकर वापस आया। रायपुर ग्रामीण के भाजपा के विधायक मोतीलाल साहू ने हुड़दंग और बवाल तो बलौदाबाजार में हुआ। उन लोगों पर कार्रवाई करना छोड़ पुलिस की वर्दी पहने लोगों ने मेरे रिश्तेदार के साथ मारपीट क्यों की ? यह घटना समझ से परे है। यह देखा जाना चाहिए कि इस घटना में कौन पुलिस वाले शामिल थे ? वह कौन लोग थे जिन्होंने मेरे रिश्तेदार के साथ मारपीट की ? आखिर इसकी वजह क्या है ? मैं इस पूरे मामले में कार्रवाई की मांग कर रहा हूं यह घटना बड़ी अजीब है। विधायक मोतीलाल साहू MLA Motilal Sahu का रिश्तेदार एकलव्य साहू ठेकेदारी का काम करते हैं। बलौदाबाजार रेस्ट हाउस के पास पहुंचे ही थे कि तभी उनके साथ यह घटना हुई । इस वक्त एकलव्य के साथ उनके कर्मचारी निलेश सिंह, ड्राइवर त्रिगट भोई मौजूद थे। जब एक्लव्य ने मारपीट कर रहे पुलिस की वर्दी पहने युवकों को बताया कि वह विधायक मोतीलाल साहू MLA Motilal Sahu का रिश्तेदार है तो हमलावर उसे छोड़कर भाग गए।
मुख्यमंत्री ने दिए गिरफ्तारी के निर्देश
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं। मौके पर आईजी और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है। इससे पहले सीएम ने इस मामले में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब किया। जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।
एसपी बोले- भीड़ बेकाबू हुई, समझाने पर भी नहीं माने
एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि समाज विशेष के लोगों को धरना-प्रदर्शन की इजाजत दी गई थी। उनकी ओर से शांतिपूर्वक करने का आश्वासन दिया गया था। अचानक हंगामा शुरू कर दिया और लोग बेकाबू हो गए। आगजनी और पथराव शुरू कर दिया। दूसरे रास्ते से भी उपद्रवी आए और बैरिकेड तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुस गए। बिल्डिंग को आग लगा दी। पथराव किया, इसके चलते कई पुलिसकर्मी और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट घायल हो गए। इसके बाद भी उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे नहीं माने और कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए। एसपी ने बताया कि, शहर में भी कुछ जगह उपद्रव का प्रयास किया गया, लेकिन उन्हें कंट्रोल कर लिया गया। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण हैं। आग पर काबू पा लिया गया है। पूरी घटना की वीडियो-फोटोग्राफी कराई गई है। इसके जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गुरु रुद्र कुमार ने कहा- हिंसक झड़प नहीं होनी चाहिए थी
सतनामी समाज के गुरु कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि यह घटना अप्रिय है। इस घटना की भी जांच होनी चाहिए। जैतखाम तोड़े जाने की घटना की सीबीआई जांच की मांग का मैं समर्थन करता हूं। हिंसक झड़प नहीं होनी चाहिए थी, गुरु घासीदास हमें शांति का मार्ग बताते हैं। घटना की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।