CG BREAKING: अनवर ढेबर-अरुणपति त्रिपाठी को मिली 14 अगस्त तक की ED रिमांड

छग

Update: 2024-08-08 16:33 GMT
Raipur. रायपुर। छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम और शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी की रिमांड ED को मिल गई है। 14 अगस्त तक दोनों ED के रिमांड में रहेंगे जहां उनसे पूछताछ होगी। इससे पहले उन्हें मेरठ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाया गया था। दोनों को आज रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया जहां ED ने 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड का आवेदन लगाया जो कोर्ट ने मंजूर कर दिया। दोनों आरोपियों को यूपी से प्रिजन वैन से रायपुर के
ED
दफ्तर लाया गया। वैन में CCTV कैमरा, वाइस रिकॉर्डर और जीपीएस सिस्टम भी लगा है। जिससे उनकी निगरानी की गई।



शराब घोटाले मामले में EOW ने अनवर को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल भेज दिया था। इसी बीच हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अनवर ढेबर को जेल से बाहर आते ही 18 जून की रात यूपी एसटीएफ की टीम ने प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लिया था। 19 जून को अपने साथ ले गई थी। वहीं, न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए एपी त्रिपाठी को भी साथ लेकर गई थी। तब से दोनों मेरठ जेल में बंद थे। शराब घोटाले मामले में अप्रैल 2024 को
ED
ने नई ECIR दर्ज की थी। जिसके बाद रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर पूछताछ की और बाद में न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था। लेकिन ED अनवर और एपी त्रिपाठी को हिरासत में लेकर पूछताछ नहीं कर पाई थी।


छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के लीकर स्कैम में जुलाई के पहले हफ्ते में PMLA स्पेशल अदालत में चार्जशीट पेश की थी। ED ने 10 हजार पन्नों के साथ 200 पेज का आरोप पत्र भी पेश किया था। जिसमें रिटायर्ड IAS ​​​​​अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लन और आबकारी विभाग में अधिकारी रह चुके एपी त्रिपाठी को घोटाले का मास्टर माइंड बताया था। इन दस्तावेजों में बताया गया है कि इन लोगों ने मिलकर सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया।
चार्जशीट
में इस बात का भी जिक्र है कि इन रुपए को कुछ राजनीतिक साझेदारी के साथ बांटा भी गया। चार्जशीट में कारोबारियों और अधिकारियों के बीच हुए वॉट्सऐप चैट से लेकर शराब घोटाले के सिंडिकेट के बीच कामकाज का ब्योरा भी है।


छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले पर एक साल पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को घेरा था। तब पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कोमल हूपेंडी ने कहा था कि, प्रदेश में 2 हजार करोड़ का नहीं, बल्कि 9 हजार करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है। हूपेंडी ने दस्तावेजों के साथ महासमुंद जिले का उदाहरण भी दिया। उन्होंने बताया था कि इस मामले को लेकर पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन ने 2 जुलाई 2020 को कलेक्टर महासमुंद से शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि जिले के सरकारी शराब दुकानों में अवैध रूप से बिना परमिट के डुप्लीकेट सरकारी हॉलमार्किंग वाली शराब उत्पादक से सीधे शराब दुकानों में खाली होती है और बिना स्कैनिंग के उसे बेचा जाता है।
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