दुर्ग। सीबीआई की कोलकाता की टीम ने कोठारी बंधुओं श्रीपाल कोठारी, सुरेश कोठारी और सिद्धार्थ कोठारी के ठिकानों पर जांच के बाद तीनों को गिरफ्तार किया. इसके बाद दुर्ग के सीजेएम संतोष ठाकुर की कोर्ट में पेश किया. कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद सभी आरोपियों को फ्लाइट से सीबीआई कोलकाता ले गई. शनिवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. शुक्रवार को सुबह ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने राजधानी में होटल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा, मंदीप चावला और बीड़ी कारोबारी दयालदास मेघालाल के यहां छापेमारी की थी. इसी बीच दुर्ग के पद्मनाभपुर में सीए श्रीपाल कोठारी और कारोबारी सुरेश कोठारी और सिद्धार्थ कोठारी के यहां भी केंद्रीय एजेंसी के छापेमारी की सूचना आई. कोठारी के घर के बाहर सीआरपीएफ तैनात थी.
इसलिए ईडी के छापे के रूप में देखा गया. हालांकि बाद में यह जानकारी सामने आई कि कोठारी के यहां कोलकाता की सीबीआई टीम ने छापेमारी की है. छापे से पहले सीबीआई ने यहां से सीआरपीएफ के बल की मांग की थी. बता दें कि कोठारी बंधुओं के यहां 2021 के मामले में छापेमारी की गई है. कोलकाता पुलिस ने तीनों के खिलाफ 420 सहित कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. कोलकाता पुलिस की टीम यहां पांच बार गिरफ्तारी के लिए पहुंची, लेकिन आरोपी नहीं मिले. दुर्ग पुलिस पर भी सहयोग नहीं करने का आरोप लगा, जिसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने केस सीबीआई को सौंप दिया. इसी कड़ी में आज सीबीआई पहुंची थी. टीम ने छापेमारी के बाद काफी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए हैं. इन दस्तावेजों के साथ सीबीआई ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया.
40 हजार शेयर धोखे से अपने नाम किया
दुर्ग जिले में रियल एस्टेट का काम करने वाली एक कंपनी है, जिसका नाम रजत बिल्डकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है. इसमें सुरेश कोठारी डायरेक्टर और शेयर होल्डर है. सिद्धार्थ कोठारी पूर्व डायरेक्टर है और श्रीपाल कोठारी पूर्व ऑडिटर है. इस कंपनी ने अपने 40 हजार शेयर 2005-06 में कोलकाता के कारोबारी प्रकाश जायसवाल को बेचे थे. इन सभी शेयर्स को 2012-13 में सुरेश कोठारी ने धोखाधड़ी करके अपने चचेरे भाई सीए श्रीपाल कोठारी और बेटे सिद्धार्थ कोठारी की मदद से अपने नाम पर चढ़वा लिया था. इन शेयर्स की कीमत 53 करोड़ 44 लाख 19 हजार 230 रुपए है. जब प्रकाश जायसवाल को इसके बारे में पता चला तो उसने इसकी शिकायत कोलकाता के बुर्ताल्ला थाने में की थी. पुलिस ने 2 जनवरी 21 को सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 406 और 120 बी के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. कोलकाता पुलिस इन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पांच बार दुर्ग पहुंची, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा. आखिरकार जायसवाल को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. हाईकोर्ट ने दो राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय नहीं होने की परिस्थिति को देखते हुए केस को सीबीआई को सौंप दिया था.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में CBI ने CA सुरेश कोठारी और पुत्र सिद्धार्थ कोठारी को हिरासत में ले लिया है. अधिकारी अपने साथ कोलकाता ले गए हैं. दुर्ग पद्मनाभपुर के सुरेश कोठारी के ठिकानों पर सीबीआई ने रेड की कार्रवाई की थी. सीबीआई की टीम में 10 अधिकारी दुर्ग पहुंचे थे. 54 करोड़ के शेयरों की धोखाधड़ी मामले में CBI ने छापेमारी की थी. धोखाधड़ी मामले में कोठारी बंधु फरार थे. कोलकाता के प्रकाश जायसवाल ने रजत बिल्डिकान के 40 हजार शेयरों को धोखे से अपने नाम करने का आरोप लगाया है. कोलकाता पुलिस ने 2021 में 420 का मामला दर्ज किया था. जानकारी के मुताबिक दुर्ग के सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 406, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया गया था। यह केस कोलकाता में दर्ज है। प्रकरण के मुताबिक साल 2005 में शिकायतकर्ता प्रकाश जयसवाल ने रजत बिल्डकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 40,000 शेयर खरीदे थे। इन शेयर्स की वर्तमान कीमत लगभग 54 करोड़ है। सुरेश कोठारी और उनके भाइयों ने जयसवाल के शेयर्स को धोखे से अपने नाम कर लिया था। इस मामले की सुनवाई अदालत में भी चल रही है। फिलहाल अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई छानबीन के लिए दुर्ग पहुंची थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चार अलग अलग गाड़ियों में 2 दर्जन से अधिक सीबीआई के अधिकारियों ने कोठारी बंधुओं के घर दबिश दी थी।