भेदभाव बर्दाश्त नहीं: बच्चों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया, कलेक्टर ने यह निर्देश दिया
छत्तीसगढ़.
बिलासपुर: आरटीई के तहत दाखिला लिये बच्चों के साथ स्कूलों में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। डीईओ नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण कर इस संबंध में रिपोर्ट दें। स्कूलों में आरटीई के तहत डमी एडमिशन की शिकायतें आ रही हैं, जिन पर भी जल्दी रिपोर्ट दें। कलेक्टर अवनीश शरण ने टाइम लिमिट की बैठक में लंबित मामलों और विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिया।
कलेक्टर ने कोटा इलाके में विगत दिनों हुई ओलावृष्टि से फसलों को हुई क्षति का सर्वे कर किसानों को जल्द राहत पहुंचाने को कहा है। उन्होंने कोटा क्षेत्र के ही बैगा-बिरहोर परिवार के बच्चों के लिए स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए शिविर लगाने कहा है। अभिलेख के अभाव में यहां लगभग सवा 4 सौ बच्चों का स्थायी जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है। ग्राम सभा के अनुमोदन से अब इनका जाति प्रमाण पत्र बनाया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि 22 मई से 10 जून तक जिला मुख्यालय में समर कैम्प का आयोजन किया जायेगा। जिले भर के चुनिंदे 200 ग्रामीण स्कली बच्चे बहतराई स्टेडियम में शामिल होंगे। उनकी रूचि के अनुरूप प्रतिभा निखारने विविध कार्यक्रम के साथ ही उन्हें शहर भ्रमण कराकर रेल स्टेशन, हवाई अड्डा और अन्य आधुनिक सुविधाओं का अवलोकन कराके उनका ज्ञानवर्धन किया जाएगा।
बैठक में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला समन्वय समिति की बैठक भी रखी गई। इसमें कोटपा एक्ट का कड़ाई से पालन करने और कराने पर जोर दिया गया। स्कूल, अस्पताल के 100 मीटर की परिधि में संचालित तम्बाकू बेचने वाले दुकानों के विरुद्व कठोर कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया। अंतरविभागीय विभिन्न मामलों का समाधान भी बैठक में किया गया।
बैठक में निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ रामप्रसाद चौहान सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।