फार्म हाउस में बम ब्लास्ट का मामला, आरोपी ने बम बनाकर मालिक को उड़ाने की रची थी साजिश लेकिन मजदूर मारा गया
छत्तीसगढ़
राजनांदगांव। जिला राजनांदगांव के डोंगरगांव स्थित फार्म हाउस में बम ब्लास्ट और मजदूर की मौत मामले को पुलिस ने आखिरकार सुलझा लिया है। आरोपी ने पुरानी रंजिश का बदला लेने ऐसी कहानी रची की, जिसे सुनकर आपके भी रौंगटे खड़े हो जायेंगे। फार्म हाउस के मालिक से बदला लेने के लिए आरोपी इलेक्ट्रीशियन ने फार्म हाउस में बम फिट किया था। लेकिन काम करने वाला मजदूर इसकी चपेट में आ गया। और आरोपी की प्लानिंग अधूरी की अधूरी ही रह गई।
घटना 28 अप्रैल राजनांदगांव के डोंगरगांव थाना क्षेत्र की है। जामसरार कला गांव में संतोष वैष्णव का फार्म हाउस है। यहां पर मनेरी गांव निवासी नरेश कुमार ओटी मजदूरी करता था। रोज की तरह 28 अप्रैल को नरेश फार्म हॉउस पहुंचा था और बोर को स्टार्ट करने के लिए जैसे ही स्टार्टर के बटन को दबाया तो जोरदार ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था की मौके पर ढाई से तीन फिट गड्ढा बन गया व मृतक का शव करीब 26 फिट दूर जा गिरा। घटना की गंभीरता को देखते हुये एसपी मोहित गर्ग ने थाना प्रभारी डोंगरगांव के नेतृत्व मे एक टीम गठित कर जांच के आदेश दिए।
पुलिस ने सभी पहलुओं पर जांच शुरू की। मृतक और फार्म हाउस के मलिक संतोष वैष्णव का किसी से कोई पुराना विवाद तो नहीं है, इस पर भी पूछताछ की जा रही थी। इसी बीच पुलिस को कुछ ऐसा पता चला जिससे जांच टीम को आरोपी तक पहुंचना बहुत आसान हो गया। पुलिस को जानकारी मिली कि फार्म हाउस के मालिक संतोष वैष्णव का गांव के कुमान कंवर के साथ पुराना विवाद है। संतोष की मां 2015 में पंचायत में खड़ी थी। इसी दौरान संदेही कुमान कंवर की पत्नी भी पंचायत चुनाव लड़ रही थी। चुनाव के दौरान दोनों में जमकर विवाद भी हुआ था। ये जानकारी मिलते ही संदेही कुमान कंवर को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ शुरू की। पहले तो आरोपी पुलिस को गुमराह करता रहा, पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो आरोपी ने घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की।
आरोपी कुमान कंवर ने बताया कि पूर्व में आरोपी के पूर्वज के द्वारा पैतृक जमीन को वैष्णव परिवार को बेची गई थी। जिसका प्रकरण न्यायलय में विचाराधीन है। नवंबर-दिसबंर 2023 में सुनील वैष्णव उर्फ पप्पू के साथ इसी जमीन में फसल कटाई को लेकर वादविवाद हुआ था जिससे आरोपी के मन में वैष्णव परिवार के प्रति बदला लेने और आक्रोश की भावना और ज्यादा गो गई थी। किसी भी तरह से आरोपी बदला लेना चाहता था। आरोपी इतना आक्रोशित था कि अपने हाथ में गोदना गोदवाकर लिखवाया कि मेरा जानी दुश्मन संतोष, सतीश, पप्पु का छोटा भाई पुरा वैष्णव परिवार है। आरोपी ने वैष्णव परिवार से बदला लेने एक खौफनाक योजना बनाई। योजना के तहत उसने वैष्णव परिवार को बम से उड़ाने की सोची।
आरोपी बिजली इलेक्ट्रीश्यन है और बिजली का काम अच्छे से जानता था। बिजली विभाग में भी अस्थाई तौर पर ठेकेदारी में बिजली मिस्त्री का काम भी कर चुका था। प्लानिंग के तहत आरोपी ने दिवाली के समय फटाखा से बारूद निकालकर एक बम निर्मित किया। इस बम को लाकर अपने घर की बाड़ी में सेल बैट्ररी के माध्यम से फोडने की कोशिश की। आरोपी इस प्लानिंग में सफल हुआ और फिर बड़ी मात्रा में बारूद जमाकर एक प्लास्टिक के डिब्बा में बारूद भर कर वायर कनेक्शन कर बम तैयार किया। इसके बाद फार्म हॉउस में लगाने के लिए मौके की तलाश करने लगा।
आरोपी 28 अप्रैल की रात डेढ़ बजे एक शादी से अपने गाँव जामसरार लौटा, तभी देखा कि संतोष वैष्णाव के फार्म हाउस का लाईट बंद है। और फार्म हॉउस में सन्नाटा पसरा हुआ है। आरोपी इसे सहीं समय मानकर उसके फार्म हाउस के अंदर घुसा और जुगाड़ बम फिट कर दिया। आरोपी ने बोर के सामने बने मोटर पैनल के कनेक्शन में बम का वायर जोड़ दिया और दो फिट गढ्ढा खोदकर बम को गाड़ दिया। इधर 28 अप्रैल को संतोष फार्म हॉउस नहीं पहुंचा तो सुबह करीब 6ः30 से 7ः00 के बीच मजदूर नरेश ओटी ने मोटर स्टार्ट करने बटन दबाया। इसी दौरान ब्लास्ट हो गया और मौके पर उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।