बिलासपुर. महिला के बेटे को हत्या के प्रयास के केस में जेल भेजने के लिए स्काई अस्पताल में साजिश रचने वाले अस्पताल प्रबंधन, मैनेजर और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल, मैनेजर ने अस्पताल प्रबंधन से मिलीभगत कर डॉक्टरों की जानकारी के बिना ही उनका फर्जी हस्ताक्षर कर मेडिकल रिपोर्ट बनाया और पुलिस के पास क्वेरी रिपोर्ट पेश किया।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने सामान्य मारपीट के मामले में धारा 307 जोड़कर युवक को जेल भेज दिया। अब पुलिस की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया है। लिहाजा, षड्यंत्र कर कूटरचना और धोखाधड़ी का केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
सरकंडा टीआई फैजुल शाह ने बताया कि, सरकंडा थाने में विवेकानंद अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार कृष्णानी ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से मेडिकल रिपोर्ट तैयार किया गया है। उनके साथ ही अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव सकूजा ने भी मेडिकल रिपोर्ट में अपने फर्जी हस्ताक्षर करने की शिकायत की थी। उन्होंने यह भी बताया कि उनके इस फर्जी मेडिकल रिपोर्ट में सील लगाकर थाने में जमा कर दिया।
डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने कोई क्यूरी रिपोर्ट नहीं दी थी। पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर केस की जांच की तब पता चला कि घायल उत्कर्ष दुबे का भाई अंकित दुबे स्काई अस्पताल में मैनेजर था। डॉक्टर ने बताया कि उनके और डॉक्टर राजीव सखूजा के फर्जी हस्ताक्षर से मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई है। इसमें रेडियोलाजिस्ट प्रभुदत्त साहू के भी फर्जी हस्ताक्षर हैं। जांच के बाद पुलिस ने उत्कर्ष दुबे, अंकित दुबे व स्काई अस्पताल प्रबंधन सहित अन्य के खिलाफ धारा 120 (बी), 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कर लिया है।