कप्तान-कप्तान का खेल खत्म, छत्तीसगढ़ में सरकार सुरक्षित

सीएम भूपेश बघेल सभी विधायकों के साथ 2.45 बजे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे

Update: 2021-08-28 05:55 GMT

राजनीतिक उठापटक के बीच राहुल गांधी आ रहे छतीसगढ़

नई-दिल्ली/रायपुर (जसेरि)। राहुल गांधी के साथ मीटिंग के बाद सीएम भूपेश बघेल ने पत्रकारों से कहा - छत्तीसगढ़ के विकास और राजनीति के बारे में राहुल गांधी के साथ विस्तार से चर्चा हुई। मैंने सभी बातें उनके सामने रखी। मैंने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वे छत्तीसगढ़ आए और वे अगले हफ़्ते छत्तीसगढ़ आएंगे। बता दें कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ सीएम भूपेश बघेल की बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में पीएल पुनिया और केसी वेणूगोपाल भी मौजूद रहे। सीएम भूपेश बघेल समर्थक विधायकों ने सीएम बदले जाने का विरोध किया है। बघेल गुट के विधायक सूबे की सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के खिलाफ हैं। बघेल गुट का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी से आने वाले सीएम को कुर्सी से हटाना पार्टी को भारी पड़ सकता है। 

सूत्रों का ये भी कहना है कि बघेल गुट ने बहुमत का दावा किया है। बघेल गुट के विधायकों ने कहा है कि भूपेश बघेल के साथ बहुमत है। बघेल गुट ने राजस्थान और पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा है कि अगर सरकार में नेतृत्व परिवर्तन होता है तब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी इन राज्यों की तरह खलबली मच सकती है, बिखराव हो सकता है।

भूपेश बघेल और टी.एस.सिंहदेव के बीच में खटपट नहीं: पीएल पुनिया

राहुल गांधी के मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया का बयान सामने आया है। पीएल पुनिया ने कहा-जो बातें चल रही हैं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टी।एस। सिंहदेव के बीच में खटपट है, यह पूरी तरह से ग़लत है। दोनों के एक दूसरे के साथ अच्छे और मधुर संबंध है। दोनों एक दूसरे का बहुत सम्मान करते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद भूपेश बघेल ने कहा, मैंने राहुल जी को बतौर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ आमंत्रित किया है। वह राज्य में अब तक हुए विकास कार्यों को देखेंगे। बघेल ने कहा, मैंने उसे सब कुछ बता दिया है। राजनीतिक मुद्दों के साथ-साथ राज्य के प्रशासनिक मामलों पर भी चर्चा हुई। अंत में मैंने राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ आने का अनुरोध किया। उन्होंने सहर्ष निमंत्रण स्वीकार कर लिया, वह अगले हफ्ते वहां आएंगे। वह पहले बस्तर जाएंगे, और वहां विभिन्न परियोजनाओं और कार्यों का निरीक्षण करेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री पद के संबंध में 2।5 साल के फॉर्मूले के बारे में पूछा गया तो भूपेश बघेल ने कहा, पीएल पुनिया पहले ही इस पर सफाई दे चुके हैं, मुझे आगे कुछ कहने की जरूरत नहीं है। मैं जो चाहता था उसे अपने नेता को बता दिया है तथा यह सभी जानकारी मेरे द्वारा उनको दी गई है।

भूपेश के समर्थन में सारे विधायक

वहीं छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक और पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा, दो पार्टी सिस्टम नहीं है और हम कोई गठबंधन की सरकार नहीं चला रहे हैं। छत्तीसगढ़ में पूरे देश के इतिहास में कांग्रेस ने पहली बार तीन चौथाई बहुमत से सरकार बनाई है। 90 में से 70 विधायक कांग्रेस के हैं। अगर दो पार्टी की सरकार होती तो जरूर यह होता कि ढाई साल आप चलाइए ढाई साल कोई और चलाएगा, लेकिन यहां तो कांग्रेस की सरकार है। तीन चौथाई बहुमत है और भूपेश सिंह बघेल अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस के विधायक जिन्होंने 15 साल संघर्ष किया, उनकी भावना है, छत्तीसगढ़ के विधायकों की और पदाधिकारियों की भावना है कि जिस तरह ढाई साल कांग्रेस की सरकार ने काम किया है और बीजेपी को 14 सीट पर समेट दिया और आगे भी कांग्रेस की सरकार बने इसके लिए आए हैं।

बघेल समर्थक विधायकों ने सीएम बदले जाने का पूरजोर विरोध किया है। बघेल गुट के विधायक सूबे की सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के खिलाफ हैं। सूत्रों के मुताबिक बघेल गुट का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आने वाले सीएम को कुर्सी से हटाना पार्टी को भारी पड़ सकता है। सूत्रों का ये भी कहना है कि बघेल गुट ने बहुमत का दावा किया है। बघेल गुट के विधायकों ने कहा है कि भूपेश बघेल के साथ बहुमत है। बघेल गुट ने राजस्थान और पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा है कि अगर सरकार में नेतृत्व परिवर्तन होता है तब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी इन राज्यों की तरह खलबली मच सकती है, बिखराव हो सकता है।

भूपेश तो भूपेश हैं...

लहरों से लड़ा करता हूं मैं दरिया में उतर कर,

किनारों पे खड़ा होकर मैं साजिश नहीं करता,

मै तो दरिया हूँ, अपना हुनर जनता हूँ,

जहाँ से गुजरूंगा रास्ता बन जाएगा।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल के दम पर साढ़े 5 साल की मेहनत के उपरांत बनी है। कांग्रेस के एक समर्पित सिपाही और कर्मठ कार्यकर्ताओं जैसा यह एक नेता जो छत्तीसगढ़ का माटी पुत्र है उसने कसम खाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को छत्तीसगढ़ से उखाड़ फेंका और छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों का मान सम्मान बढ़ाते हुए कांग्रेस पार्टी का आज सबसे मजबूत ओबीसी नेता के रूप में उभरा है। भूपेश बघेल को मेहनत के समय में कुछ ही कांग्रेस नेताओं का सहयोग मिला, संघर्ष में जो कर्मठ कार्यकर्ता और नेता ने साथ दिया वह गिनती के थे। वह आज तक पद प्रतिष्ठा की लड़ाई में शामिल नहीं हुए। ऐसे गुमनाम हजारों कार्यकर्ता हजारों नेता भूपेश बघेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूरे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार लाने के लिए कड़ी और दिन रात मेहनत की। भूपेश बघेल की मेहनत को ध्यान में रखते हुए अभी तक वे सभी शांत बैठे, वह भी इसलिए कि उन्हें मालूम है कि हमारा पिछड़ा वर्ग का नेता जो छत्तीसगढ़ का माटी पुत्र है हमारा ख्याल रखेगा, हमारी इज्जत आबरू और मान सम्मान का पूरा ध्यान रखकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की परंपरा के अनुसार कांग्रेस सरकार का अच्छे से संचालन करेगा। कांग्रेस सरकार बनाने का पूरा का पूरा श्रेय एकमात्र नेता भूपेश बघेल और आम कार्यकर्ताओं को जाता है। भूपेश बघेल के अलावा कोई भी छत्तीसगढ़ का माटी पुत्र इस तरीके का बीड़ा उठाकर कांग्रेस की सरकार नहीं बना सकता था। सीएम पद पर उनका हक स्वाभाविक है।

प्रियंका ने भी दिखाया पावर

उच्च सूत्रों के अनुसार भूपेश बघेल को सीएम बनाए रखने के लिए प्रियंका गांधी ने मामले में दखल देते हुए विशेष भूमिका निभाई। छत्तीसगढ़ राज्य की बहुमत वाली सरकार में राजनीतिक उठापटक अच्छी बात नहीं है और इस तरीके से इसमें ज्यादा दखल देने से विवाद बढऩे से आम जनता में गलत संदेश जा रहा है। उच्च सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि इसके पीछे की राजनीति सोच यह भी हो सकती है कि भूपेश को हटाने से ओबीसी -तबका नाराज होगा जो कि छत्तीसगढ़ में विशेष स्थान रखता है। इसका खामियाजा यूपी चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है क्योंकि उत्तरप्रदेश में ओबीसी वर्ग बड़ा वोट बैंक है और भूपेश पार्टी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं सीएम के रूप में इसका फायदा यूपी चुनाव में मिल सकता है। साथ ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के विपक्ष में रहते उसने 15 साल जो संघर्ष किया उसी से पार्टी दोबारा सत्ता तक पहुंच पाई और पार्टी को दो तिहाई से ज्यादा बहुमत मिला। ऐसे में सीएम बदलने से पार्टी की छबि पर बुरा असर पड़ सकता है। प्रियंका ने साफ कहा कि छत्तीसगढ़ में सीएम बदलना कोई मुद्दा नहीं हो सकता।

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