भारत के मून मिशन यानी चंद्रयान-3 आज शाम को चंद्रमा की सतह पर लैंड करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. चंद्रमा की सतह पर लैंड करते ही भारत चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा. इसरो के इस महत्वाकांक्षी मिशन से पूरे देश की उम्मीदें जुड़ी हैं. चंद्रयान-3 ने सारे देश को एक कर दिया है. मंदिरों में प्रार्थना हो रही है. मस्जिदों में दुआ मांगी जा रही है. सारा देश चंद्रयान-3 को लेकर उत्साहित हैं.
खबर है कि चंद्रयान 3 को सुरक्षित रूप से चांद पर उतारने में नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन NASA और ESA यानी यूरोपियन स्पेस एजेंसी भी ISRO की मदद कर रहे हैं। खास बात है कि यह समर्थन 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद से ही भारतीय स्पेस एजेंसी को मिलता रहा है।
कहा जा रहा है कि इन दोनों एजेंसियों के ग्राउंड स्टेशन्स की भूमिका चंद्रयान 3 की लैंडिंग के दौरान काफी अहम हो गई है। ESA के ऑस्ट्रेलिया के न्यू नॉर्सिया स्थित 35 मीटर गहरा स्पेस एंटीना (ESTRACK नेटवर्क के तीसरे ग्राउंड स्टेशन) तैयार किया गया है। इसका मकसद चंद्रयान 3 के चांद पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान लैंडर मॉड्यूल को ट्रैक करना और उससे संपर्क साधना है।