गांजा तस्करों के खिलाफ अभियान : बस्तर के रास्ते अन्य प्रदेशों में होती है तस्करी

Update: 2022-06-19 06:14 GMT

पिछले ढाई साल में बस्तर पुलिस ने पकड़ा 12,800 किलो गांजा

जगदलपुर (जसेरि)। बस्तर पुलिस ने गांजा तस्करों के खिलाफ बीते तीन सालों में बड़ी कार्रवाई की है. यह पहला मौका है जब साल 2020 से अब तक बस्तर पुलिस ने 145 मामलों में 249 तस्करों से कुल 12,800 किलो गांजा जब्त किया है, जिसकी कीमत 6 करोड़ 25 लाख 30 हजार रुपए आंकी गई है. पिछले 3 सालों में मादक पदार्थ तस्करी के 145 प्रकरण बनाए गए हैं. वहीं बस्तर के 7 चेक पोस्ट से पुलिस ने इतनी बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त करने में सफलता हासिल की है. दरअसल, हर साल बड़ी मात्रा में छत्तीसगढ़ से लगे ओडिशा राज्य से गांजा की तस्करी बस्तर के रास्ते अन्य प्रदेशों में की जाती है, जिसके धरपकड़ के लिए बस्तर पुलिस अभियान चलाकर बीते तीन सालों में इतनी बड़ी मात्रा में गांजा जब्त किया है.

150 से अधिक गाडिय़ां जब्त

दरअसल नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ गांजा की तस्करी रोकना पुलिस के लिए बड़ी जिम्मेदारी होती है. हर साल अंतरराज्यीय गिरोह के तस्कर बस्तर के रास्ते ही अन्य प्रदेशों में गांजा की बड़ी खेप की तस्करी करते हैं और इसे रोकने के लिए पुलिस हमेशा मुस्तैद रहती है. पुलिस ने गांजा तस्करों से 150 से भी अधिक गाडिय़ां जब्त की है, जिसमें कई लग्जरी वाहने इन आरोपियों से पुलिस ने जब्त की है.

तस्करी रोकने बनाएंगे टीम

सीएसपी हेमसागर सिदार ने बताया कि साल 2022 के अलावा आने वाले समय में भी बस्तर पुलिस इन बड़े अंतरराज्यीय गिरोह के तस्करों को धर दबोचने में पूरे मुस्तैदी से काम करेगी. तस्करी को रोकने चेक पोस्ट नाके के अलावा अलग से टीम भी गठित की जाएगी, ताकि पूरी तरह से इस नशे के कारोबार पर लगाम लगाया जा सके. नारकोटिक्स एक्ट के तहत इस मादक पदार्थ को प्रोटोकॉल के नियम का पालन करते हुए नष्ट किया जाएगा.

लगातार चलेगा अभियान

बस्तर पुलिस अभियान चलाकर गांजा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में जुटी हुई है. बता दें कि सबसे ज्यादा गांजा तस्कर के मामले नगरनार थाने में दर्ज हैं, क्योंकि नगरनार थाना ओडिशा से लगा हुआ है. यही वजह है कि सबसे ज्यादा तस्करों पर नगरनार थाना अंतर्गत ही कार्रवाई की गई है. इधर बस्तर पुलिस अपनी सूचना तंत्र को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है, ताकि बस्तर के रास्ते एक भी मादक पदार्थ की गाड़ी दूसरे राज्यों में न जा सके।

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