डीआरआई की रिमांड में सराफा कारोबारी प्रकाशचंद सांखला

Update: 2021-05-28 05:15 GMT

सोना तस्करी का मामला, चेंबर उपाध्यक्ष को सागर ले जाने की तैयारी

अपराधी-अवैध कारोबारियों को संरक्षण!

अपराधियों को बचाने के लिए अक्सर राजनीति और व्यापारी संगठनों से जुड़े नेता पुलिस पर दबाव बनाते हैं। सोना तस्करी से जुड़े मामले में जिस तरह जांच अधिकारियों और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की गई उससे यह सामने भी आया है। अगर पहले से ही पुलिस अपराधियों को छुड़ाने और बचाने के लिए फोन करने, प्रत्यक्ष दबाव बनाने वालों के बारे में सरकार, संबंधित राजनीतिक दल और संगठनों को इससे अवगत कराती तो ऐसे लोगों पर भी नकेल कसा जा सकता था। सरकार को भी अपराधियों को संरक्षण देने वाले लोगों का डाटा पुलिस से जुटानी चाहिए।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। रायपुर के जिला कोर्ट में सराफा व्यापारी और दुर्ग जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स उपाध्यक्ष प्रकाशचंद सांखला की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। डायरेक्टरोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने आरोपी सांखला को पूछताछ के लिए रायपुर लेकर आई थी। जहां गुरुवार को उसे प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी विजेंद्र सोनी के न्यायालय में पेश किया गया। जहां डीआरआई ने आरोपी को सागर ले जाने की अनुमति मांगी थी। वहीं, आरोपित पक्ष की ओर जमानत याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर सागर ले जाने की अनुमति देते हुए सागर कोर्ट में 29 मई तक पेश करने के लिए कहा है।

बता दें कि 24 मई को डीआरआई नागपुर (महाराष्ट्र) व भोपाल (मध्यप्रदेश) की टीम ने मध्यप्रदेश के सागर से चार लोगों को आठ किलो सोने के साथ पकड़ा था। पूछताछ में चार आरोपितों ने दुर्ग के सराफा कारोबारी प्रकाश सांखला का नाम लिया था। इसके बाद बीते मंगलवार को डीआरआई ने सराफा व्यापारी प्रकाशचंद सांखला के दुर्ग, रायपुर स्थित दुकान और कार्यालय में छापामार कार्रवाई की थी। जहां से छापेमारी में बड़ी मात्रा में अघोषित सोना और चांदी की बरामदगी की गई। बरामद सोना विदेशी है। इन सभी मामले में डीआरआई आरोपित सांखला से पूछताछ कर रही है।

अधिकारियों सेे की थी मारपीट : डीआरआई की टीम को कार्रवाई के दौरान आरोपी के घर सांखला निवास से 65 लाख रुपये नकद, एक किलो सोना मिला था। साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज हाथ लगे थे। इस आधार पर डीआरआई की टीम प्रकाश सांखला के भतीजे विनीत सांखला को लेकर जा रही थी। तभी सराफा कारोबारियों ने टीम को घेर लिया। बचने के लिए टीम के लोग दुर्ग कोतवाली थाना गए। सराफा कारोबारी वहां भी गए। कार्रवाई से गुस्साए कारोबारियों ने थाना परिसर में ही ज्वाइंट कमिश्नर नितिन अग्रवाल को पीट दिया। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। मंगलवार को डीआरआई की टीम ने इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की। इसके बाद बुधवार को दुर्ग के तीन सराफा कारोबारियों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई गई है।

4 करोड़ का सोना मिला : दुर्ग में प्रकाश के ठिकानों की जांच करने पर टीम को 1.5 किलो सोना और 64 लाख रुपए मिले। ष्ठक्रढ्ढ की टीम को पता चला कि सोने को छत्तीसगढ़ से रूक्क भेजने में प्रकाश का अहम रोल था। सागर में पहले ही टीम 7.8 किलो सोना पकड़ चुका थी। अब मामला लगभग 4 करोड़ के विदेशी सोने का है जो गलत तरीके से कस्टम की निगाहों से बचाकर भारत आया और फिर छत्तीसगढ़ और एमपी के कारोबारी इसकी सौदेबाजी कर रहे थे। छत्तीसगढ़ के रास्ते बुंदेलखंड में सोने की तस्करी होने की सूचनाएं अफसरों को लगातार मिल रही थीं। डीआरआई की तीन सदस्यीय टीम सागर पहुंची। टीम ने गौरझामर से चितौरा तक हाईवे पर वाहनों की चेकिंग की। चेकिंग के दौरान कार के स्टेपनी की जगह पर छिपाकर रखा गया सोना मिला। मंगलवार रात सागर में पकड़ाई सोने की खेप सागर के बड़ा बाजार में एक कारोबारी की दुकान पर पहुंचाया जाना था। मामले में बड़ा बाजार के बड़े कारोबारी का नाम सामने आ रहा है। हालांकि मामले में डीआरआई भोपाल की टीम जांच कर रही है। जांच के दौरान कई अहम जानकारी उजागर हो सकती हैं।

सोना-चांदी तस्करों पर शिकंजा : सोना-चांदी की तस्करी करने वाले कारोबारियों के खिलाफ डीआरआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। तस्करी का रैकेट चलाने वाले गिरोह का लिंक मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से जुड़ रहा है। डीआरआई की टीम ने एक महीने के अंदर दुर्ग और राजनांदगांव में कार्रवाई करते हुए 45 करोड़ रुपए से ज्यादा का सोना-चांदी जब्त किया है। उल्लेखनीय है कि डीआरआई की भोपाल, इंदौर और रायपुर की टीम ने मध्यप्रदेश, सागर और दुर्ग में कार्रवाई करते हुए नौ किलो से ज्यादा सोना के साथ 64 लाख 80 हजार रुपए जब्त किया है। डीआरआई की इंदौर यूनिट ने मुखबिर की सूचना के आधार पर सागर के पास एक कार से आठ किलो के करीब सोना जब्त किया। पूछताछ के आधार पर डीआरआई की टीम ने सागर के एक सराफा कारोबारी के ठिकाने पर छापे की कार्रवाई की। पूछताछ में उस कारोबारी ने अपना लिंक दुर्ग से होना बताया। उसी आधार पर डीआरआई की टीम ने दुर्ग में छापामारी करते हुए सोना और नकदी रकम जब्त किया। इस मामले में डीआरआई की टीम ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया।

सागर का कारोबारी फाइनेंसर: डीआरआई के अफसरों के मुताबिक सोना-चांदी तस्करी के मामले का मुख्य फाइनेंसर सागर का कारोबारी है। पूछताछ में उस कारोबारी ने इसकी जानकारी डीआरआई के अफसरों को दी है। साथ ही पूछताछ में सागर के कारोबारी ने डीआरआई के अधिकारियों को बताया है कि उसका सिंडिकेट छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का निवासी है जो तस्करी के इस सोने को ठिकाने लगाने का काम करता है। अफसरों के अनुसार दुर्ग के कारोबारी ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

जांच में और कई बड़े नाम सामने आएंगे : छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कारोबारियों द्वारा बड़े पैमाने पर विदेश से सोना-चांदी तस्करी करने की बात सामने आने के बाद डीआरआई के अफसर पकड़े गए कारोबारियों से इनपुट एकत्रित कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक डीआरआई के अफसर प्राप्त इनपुट के आधार पर दुर्ग के साथ राजनांदगांव और रायपुर में छापे की कार्रवाई कर सकते हैं। डीआरआई के अफसर पकड़े गए कारोबारियों से विदेश से सोना तस्करी में दोनों राज्यों के कारोबारियों के साथ और कौन लोग जुड़े हैं, इस संबंध में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।

दुबई से निकलकर कोलकाता के रास्ते छत्तीसगढ़ आता है अवैध सोना : छत्तीसगढ़ के व्यापारी सरकारी विभागों की निगाह से बचाकर सोने-चांदी की स्मगलिंग करते हैं, इस बात का बड़ा सबूत ये कार्रवाई है। ष्ठक्रढ्ढ के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मामलों में सोने की स्मगलिंग दुबई से शुरू होती है। वहां से गुपचुप तरीके से कारोबारी म्यांमार, बांग्लादेश, फिर भारत में नॉर्थ ईस्ट राज्यों और बंगाल से सोना या चांदी तस्करी करवाकर मंगाते हैं। इससे पहले भी रायपुर के दो लोगों को हिरासत में लिया गया था, तीन लोग राजनांदगांव से भी हिरासत में लिए गए वो भी सराफा कारोबारी थे।

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