बिल्डर ने की लाखों की धोखाधड़ी, अपराध दर्ज

छग

Update: 2022-05-08 18:33 GMT

दुर्ग। जमीन की रजिस्ट्री करा कर उस पर मकान बनाकर देने का वादा करते हुए बिल्डर एवं वहां के कर्मियों ने पीडि़ता से रकम तो ले ली परंतु जब पीडि़ता ने मकान देने की बात कही तो बिल्डर द्वारा टालमटोल किया गया। धोखाधड़ी का शक होने पर पीडि़ता ने जब अपनी रकम वापस मांगी तो बिल्डर ने रकम वापस करने से इंकार कर दिया। पीडि़ता की शिकायत पर सुपेला पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है।

पुलिस के मुताबिक सेक्टर 5 सडक़ एनपीए निवासी शालिनी श्रीवास्तव लगभग 3 वर्ष पूर्व सेक्टर 2 में लगे गणेश पंडाल में गई हुई थी। उस गणेश पंडाल में बालाजी बिल्डर के एजेंट जीत्तू साहू एवं धीरेंद्र कुमार कंडरा द्वारा अपने फर्म के बारे में बताया गया था। पीडि़ता को जमीन सहित मकान बनाने की बात कह कर उसको अपने झांसे में लिया। कुछ दिन बाद फोन करके जमीन देखने की बात पीडि़ता से की गई। पीडि़ता अपने पति के साथ जमीन देखने गई जहां पर आशीष नगर की जमीन को उसने फाइनल किया। जमीन की रजिस्ट्री एवं मकान बनाने के लिए एग्रीमेंट तैयार करने वह अपने पति के साथ दक्षिण गंगोत्री सुपेला स्थित बालाजी बिल्डर्स के कार्यालय में गई थी। वहां पर काउंटर पर जीत्तू साहू एवं धीरेंद्र कुमार कंडरा को बुकिंग करने के लिए संचालक ने कहा 5 नवंबर 2020 को बालाजी बिल्डर के ऑफिस में जाकर पीडि़ता ने 5 लाख रुपये का चेक दिया।
15 दिसंबर 2020 को इकरारनामा तैयार किया गया। इकरारनामा बालाजी बिल्डर्स के साथ निष्पादित किया गया। 7 मई को शालिनी श्रीवास्तव ने एनईएफटी द्वारा 8 लाख रुपये की राशि तथा रजिस्ट्री हेतु 60000 रुपये नगद दिए। इस तरह पीडि़ता ने कुल 13,81,000 रुपए बालाजी बिल्डर में जमा कर दिए थे। इसके बाद जब पीडि़ता ने श्री बालाजी बिल्डर्स के संचालक जुगल किशोर से अपने मकान की जानकारी मांगी तो उसे बहाना बनाकर गुमराह किया गया। जब पीडि़ता को लगा कि उसके साथ धोखाधड़ी किया गया है। तो उसने अपनी रकम वापस मांगी। इस बार बिल्डर ने रकम वापस करने से इंकार कर दिया।


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