भरोसे का बजट: मुख्यमंत्री बघेल की महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के कल्याण के लिए संवेदनशील पहल

Update: 2023-03-09 11:16 GMT

रीनू ठाकुर, सहायक जनसंपर्क अधिकारी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2023-24 के बजट में महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के कल्याण के लिए संवेदनशील पहल की गई है। इसके साथ ही उन्होंने निराश्रितों, दिव्यांगों एवं विधवा तथा परित्यक्ता महिलाओं के साथ उभयलिंगी समुदाय का भी विशेष ध्यान रखा है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मानदेय

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने महिलाओं तथा बच्चों के पोषण एवं टीकाकरण हेतु प्रदेश भर में संचालित 46 हजार 660 आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली मासिक मानदेय की राशि 6 हजार 500 रूपए प्रति माह से बढ़ाकर 10 हजार रूपए की है। इसी तरह आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3 हजार 250 रूपए से बढ़ाकर 5 हजार और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 7 हजार 500 रूपए प्रति माह करने का प्रावधान बजट में किया है। बजट के इस प्रावधान से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं तथा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का होली का उल्लास दोगुना हो गया है। प्रदेश भर की आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं में हर्ष की लहर है।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि बढ़ाकर 50 हजार की गई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवेदनशील पहल करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह के लिए संचालित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने की घोषणा बजट में की है। इसके लिए बजट में 38 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

महिलाओं के रोजगार उपलब्ध कराने शुरू होगी कौशल्या समृद्धि योजना

बजट में महिलाओं के आर्थिक समृद्धि और स्व-रोजगार के लिए नई योजनाओं का प्रावधान भी किया है। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल्या समृद्धि योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है। इसके लिए नवीन मद में 25 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

बाल संप्रेक्षण गृह से बाहर जाने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए शुरू होगी मुख्यमंत्री बाल उदय योजना

बजट में बाल संप्रेक्षण गृह से बाहर जाने की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने की घोषणा करने के साथ ही वहां से बाहर जाने वाले युवक-युवतियों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री बाल उदय योजना शुरू करने का प्रावधान किया है। इसके लिए बजट में एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा यूनिफाईड डिजिटल एप्लीकेशन योजना शुरू करने के लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पोषण, बाल विकास के साथ अधोसंरचना विकास के लिए प्रावधान

बजट में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पुनर्वास और रोजगार के साथ पोषण, बाल विकास और अधोसंरचना विकास के लिए प्रावधान किया गया है। नगरीय क्षेत्रों में 100 आंगनबाड़ियों के लिए 12 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के लिए 160 करोड़ रूपए, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के लिए 8 करोड़ रूपए, एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के लिए 844 करोड़ रूपए, एकीकृत बाल संरक्षण योजना के लिए 124 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ाकर 500 रूपए प्रति माह की गई

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने निराश्रितों, बुजुर्गाे, दिव्यांगों एवं विधवा तथा परित्यक्ता महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा करते हुए उनको सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत दी जाने वाली मासिक पेंशन की राशि 350 रूपए से बढ़ाकर 500 रूपए प्रति माह की है। इससे इन वर्गों को जीवन-यापन के लिए सहारा मिल सकेगा।

उभयलिंगी व्यक्तियों के लिए नवा पिल्हर योजना होगी शुरू

मुख्यमंत्री ने बजट में उभयलिंगी व्यक्तियों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए नई पहल करते हुए नवा पिल्हर योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके अंतर्गत उभयलिंगी व्यक्तियों के शिक्षण-प्रशिक्षण तथा रोजगार हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता की जायेगी। इसके लिए बजट में 25 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

सियान हेल्पलाईन सेंटर की स्थापना की जाएगी

वरिष्ठ नागरिकों, उभयलिंगी व्यक्तियों, विधवा परित्यक्ता महिलाओं एवं दिव्यांगजनों की समस्याओं के ऑनलाईन समाधान हेतु सियान हेल्पलाईन सेंटर एवं टोल फ्री नंबर की स्थापना के लिए एक करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड के संचालन हेतु नवीन सेटअप का प्रावधान भी बजट में किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस ऐतिहासिक बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग हेतु 2 हजार 675 करोड़ रूपए और समाज कल्याण विभाग हेतु 1 हजार 125 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों, महिलाओं सहित जरूरतमंद, कमजोर वर्गों के लिए भी मुख्यमंत्री बघेल ने व्यापक प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने इसके माध्यम से ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना को साकार रूप देने की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाया है और लोक आकांक्षाओं पर खरा उतरते हुए भरोसे का बजट प्रस्तुत किया है।

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