कांकेर। नक्सलगढ़ में जवानों के कंधे हमेशा दोहरी जिम्मेदारी होती है. सर्चिंग पर निकले जवानों को नक्सलियों का हौसला भी तोड़ना है और ग्रामीणों का भरोसा भी जोड़ना है. कांकेर से कुछ शानदार तस्वीरें सामने आ रही है. इन तस्वीरों को देखकर आप भी समझ सकते हैं कि नक्सलगढ़ में जवान कैसे दोहरी भूमिका निभा रहे हैं.
जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में बीएसएफ के जवान नक्सल विरोधी अभियान के तहत लगातार सर्च अभियान चलाए हुए हैं. हाथों में हथियार लिए जवानों को देखकर एक समय में ग्रामीण रास्ता बदल लिया करते थे. लेकिन वर्तमान में परिस्थितियां बदली है. आज बीएसएफ नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ ग्रामीणों का विश्वास जीतने में भी सफल रही है. बीएसएफ जवानों की ग्रामीण इलाकों के मासूम बच्चों के साथ कुछ खूबसूरत तस्वीरें सामने आई है. तस्वीरें कांकेर जिले के आमाबेड़ा इलाके की है. एक तस्वीर में जवान अपनी बंदूक पकड़ा हुआ है और अपने पास रखे भोजन को एक ग्रामीण बच्ची को खिलाता नजर आ रहा है. तस्वीर देखकर यही प्रतीत हो रहा है कि जवान सर्चिंग के दौरान भोजन करने बैठे रहे होंगे तभी एक ग्रामीण बच्ची उनके नजदीक आ पहुंची ऐसे में जवान उस बच्ची को अपने हाथों से भोजन करवा रहा है. भरी गर्मी में जवान जब सर्चिंग पर निकल रहे हैं, ऐसे में ग्रामीण के साथ उनका यह प्रेम उनके अधिक ऊर्जा प्रदान कर रहा है. एक और तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक बीएसएफ जवान एक घर के बाहर बच्चे संग खेलता नजर आ रहा है.