नारायणपुर narayanpur news। अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में मारे गए 31 नक्सलियों में नारायणपुर के मोहंदी की 8 लाख की इनामी शामबती उर्फ मीना भी शामिल थी। 8वीं की छात्रा रही शामबती नक्सली संगठन में शामिल होकर मीना बन गई। अंतिम संस्कार के लिए उसे गांव में दो गज जमीन भी नसीब नहीं हुई। narayanpur
उसका शव लेने परिजन दंतेवाड़ा पहुंचे, लेकिन शव गांव इसलिए नहीं ले गए, क्योंकि उसका बड़ा भाई शिक्षक है। बहन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल रही, इसी शर्मिंदगी के चलते उन्होंने दंतेवाड़ा में ही मीना का अंतिम संस्कार कर दिया। इधर मृत नक्सलियों में से 7 के शव डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज लाए हैं। इनमें से 5 के शव परिजन ले गए, लेकिन 2 शव मेकॉज में ही हैं। मीना के शिक्षक बड़े भाई अगनू मरकाम व रामप्रसाद मरकाम रिश्तेदारों के साथ शव लेने दंतेवाड़ा तो पहुंचे, लेकिन गांव नहीं ले गए। chhattisgarh news
कहा कि बहन नक्सली थी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल थी। वे शर्मिंदा हैं। जब वह नक्सली बनी उसी दिन परिवार ने उसे मरा समझ लिया था। मीना कोहकामेटा के बालिका आश्रम में रहकर 8वीं की पढ़ाई कर रही थी। 1999 में वहीं से वह नक्सली संगठन से जुड़ गई। नक्सली उसे जबरन ले गए या वह खुद गई इसकी जानकारी नहीं है।