- कोरबा में धरे गए आईपीएल सटोरिये, 2.11 लाख जब्त
- रवि डॉन के काले करनामे गली-मोहल्ले में निरंतर जारी, पुलिस की कार्रवाई के बाद भी नहीं आ रहा बाज
रायपुर/कोरबा (जसेरि)। शहर में अवैध सट्टा के विरूद्ध कोतवाली पुलिस की कार्रवाई में सट्टा खिलाने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 2 लाख 11 हजार से ज्यादा की सट्टा-पट्टी के साथ 35 हजार नकदी सहित सामान बरामद किया गया है. कोतवाली पुलिस की कार्रवाई में पुलिस ने निखिल सिंह और सुमित लानवानी नामक दो आरोपियों को सट्टा खिलवाने को आरोप में गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी आईपीएल मैच में सट्टा खिलाने का काम करते थे. दोनों आरोपियों के पास से 2 लाख 11 हजार से ज्यादा की सट्टा-पट्टी के साथ 35 हजार नकदी सहित कुछ सामान सहित 1 एलईडी टीवी और 2 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध पुलिस ने धारा (क) जुआ अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की है.
राजधानी में रवि के गुर्गे सक्रिय : शहर में खुलेआम सट्टा और जुआ का खेल चल रहा है। शाम होते ही सट्टा लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक चलता है। खुलेआम चले रहे इस कारोबार पर न तो पुलिस की नजर है और ना ही वह इस पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी का नामी सटोरिया जो कालीबाड़ी, नेहरू नगर, गाँधी नगर में अपना सट्टा कारोबार फैलाए हुए है। जिसकी वजह से रवि अभी शहर के बाहर घूम रहा है। मगर उसके गुर्गे शहर में उसकी कुर्सी के आड़ में उसके गुर्गे अपना कारोबार शुरू कर दिए है। वही रवि के गुर्गों ने अपना कारोबार चालू किया और उसके नाम का फायदा उठाते हुए महिलाओं और बच्चों को भी इस काले धंधे में उतार लिया है।
छुटभैय्या नेता बने सटोरियों के गॉड फादर : रवि साहू की गैंग में नए सदस्यों को जोड़ा गया है, ये ऐसे हिस्ट्रीशीटर है जो जेल से जमानत में या पैरोल में छूटे हुए है उन आरोपियों को गैंग में शामिल किया गया है। और अपने सट्टे के कारोबार में रवि साहू ने इजाफा भी किया है। पुलिस और अपराधियों की लुकाछिपी का खेल सालों से चला आ रहा है। वही अनिल आलू का सट्टा कारोबार भी अपनी चरम सीमा पर है 11 साल पहले अनिल आलू सट्टा में गिरफ्तार हुआ उसके बाद से पुलिस उसे आज तक पकड़ नहीं पाई है। ये लुकाछिपी का पूरा खेल छुटभैय्या नेताओं के इशारे से चल रहा है। लेकिन पुलिस ने साल 2020 में नशे पर अपना शिकंजा भी कसा था मगर 2021 में नशे का भी कारोबार बढ़ते जा रहा है।
सट्टे के बड़े खाईवाल बने इलाकों के दादा : रायपुर के सदर बाजार, आज़ाद चौक, पंडरी बस स्टैंड, नेशनल हाइवे, सब्जी मार्केट और चौक चौराहे में स्थित कई जनरल स्टोर्स, नाई व पान दुकानों में सट्टे लिखवाने वालों भीड़ देखी जा सकती है। खाईवालों के चक्रव्यूह में लोग इस कदर फंस चुके हैं की इससे उबर नहींं पा रहे हैं। शहर में एक दो नही बल्कि चार खाईवाल लंबे समय से सट्टा संचालित कर रहे हैं। छुटभैय्या नेताओं और खाईवालों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार शहर सहित आस-पास के आउटर इलाकों में पुरी तरह से चरम पर है। खाईवालों ने भी गांव व शहर में अपना-अपना जोन बंटा हुआ है। एक दूसरे के जोन में कोई दखल नहीं देता है। नशे के कारोबारियों और सट्टा और जुआ, हुक्काबार डांस पार्टी बार पर नकेल कसने के लिए कड़ा से कड़ा कानून जनप्रतिनिधियों और पुलिस अधिकारियों की कमेटी में सहमति बनाकर सदन में पेश कर पारित करना चाहिए। राज्य में कड़ा से कड़ा कानून लाना ही एक मात्र विकल्प है, जिससे आने वाली पीढ़ी नशे से डरे और कड़े कानून के कारण अवैध कारोबार से दूर रहे।