अंधे क़त्ल की गुत्थी सुलझी, दो आरोपी गिरफ्तार

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Update: 2022-03-05 15:20 GMT

बेमेतरा। बीते माह 28 तारीख को गिधवा में पक्षी विहार बांध के सामने संतोष यादव के खेत में मेड़ पर मिले अधजले शव की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। महिला के कातिल कुख्यात शराब तस्कर निकले। पुलिस ने आरोपितों से घटना में प्रयुक्त इनोवा कार, शव-पर्स व मोबाइल जलाने के लिए उपयोग में लाया गया लाइटर बारमद किर लिया है।

आरोपित गोविंद कौशिक (45) और उसके चचेरे भाई देव प्रसाद कौशिक (39) को शुक्रवार को शनिवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। आरोपित सरगांव थाना क्षेत्र, जिला मुंगेली के रहने वाले हैं। मृतक भी वहीं का था।

गिधवा सरपंच केशव साहू ने नहर नाली के पुलिया के पास बुंदेली रोड किनारे अज्ञात पुरुष का जला हुआ शव पड़े होने की सूचना पुलिस को दी थी। घटनास्थल पर पुलिया के नीचे एक चप्पल और घटना स्थल के पास जले कपड़े का टुकड़ा मिला। इसके बाद पुलिस जांच में जुट गई। विभिन्न थानों से गुम इंसान की जानकारी मंगाई।
इसी बीच पता चला कि सरगांव थाना क्षेत्र से रंजीत कुमार बर्मन नामक लड़का 26 फरवरी से लापता है। उसके पिता सुखनंदन प्रसाद बर्मन (48) को बुलाया गया तो घटनास्थल से मिली चप्पल, मृतक के लोवर व शव के दाहिने हाथ के स्टील के कड़े को देखकर अपना छोटा लड़का रंजीत कुमार बर्मन (17 साल 10 माह) के रूप में की।
जांच में पता चला कि रंजीत का रस्सी से गला दबाकर पैरा में आग से जलाकर हत्या की गई। पुलिस ने अंदेशा था कि किसी जानकार व्यक्ति ने ही हत्या की है। आरोपित की पतासाजी के लिए डीएसपी रामकुमार बर्मन के नेतृत्व में थाना प्रभारी नांदघाट विपिन रंगारी, थाना स्टाफ व साइबर सेल की टीम गठित की गई। टीम ने मृतक के स्वजन, आसपास के लोगों, रिश्तेदार, दोस्तों से पूछताछ की।
इस बीच पता चला कि रंजीत पड़ोस के गांव की एक लड़की के साथ मोबाइल पर बात करता था। रंजीत ने एक माह पहले अपने स्वजन को बताया था कि लड़की का पिता गोविंद कौशिक ने धमकी दी थी कि वह लड़की का पीछा छोड़ दे अन्यथा उसे खत्म कर देगा।
स्वजन ने बताया कि गोविंद आपराधिक किस्म का व्यक्ति है, वह हत्या कर सकता है। इस पर पुलिस ने गोविंद की तलाश शुरू की। चार मार्च को गोविंद कौशिक गांव में मिला। उसे विश्वास में लेकर वैज्ञानिक पद्धति से पूछताछ में जुर्म करना स्वीकार कर लिया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपित गोविंद कौशिक ने पुलिस को बताया कि वह 26 फरवरी को अपनी इनोवा कार क्रमांक सीजी 04 एचए 9200 से भागवत कार्यक्रम में शामिल होने अपनी पत्नी, भाभी व मां को साथ लेकर ग्राम पिपरलोड़ गया। वहीं उन्हें छोड़कर कुछ देर रुकने के बाद दोपहर लगभग 12.30 बजे अपने गांव लौटा।
अपने घर से कुछ पहले उसने देखा कि रंजीत बर्मन अपनी मोटरसाइकिल हीरो एचएफ डीलक्स क्रमांक सीजी 22 एसी 4851 को रोड किनारे खड़ा कर उसके घर के बाड़ी में लगी जाली तार को फादकर अंदर गया।
यह देख गोविंद ने अपनी कार वहीं खड़ी कर रंजीत को पकड़ने के लिए अपनी बाड़ी में गया रंजीत वहां रखे पैरा में छिप रहा था। गोविंद ने रजीत से मारपीट की और वहां पड़ी नारियल की रस्सी से उसके दोनों हाथ को पीछे की तरफ बांध दिया। फिर उसे बाड़ी में बने शौचालय के अंदर ले गया और छाती के बल लेटाकर उसकी पीठ पर चढ़कर मार डाला।
चचेरे भाई के साथ बनाई शव को ठिकाने लगाने की योजना
इसके बाद रंजीत की मोटरसाइकिल को घुटेली बांध के पास रोड किनारे खड़ा किया और चाबी को पास की डबरी में फेंक दिया। पिर अपने चचेरे भाई देवप्रसाद कौशिक को फोन कर घुटेली बांध के पास मोटरसाइकिल लेकर बुलाया।
उसे घटना के संबंध में बताया और दोनों घर लौट गए और रंजीत की लाश को ठिकाना लगाने की योजना बनाई। रात करीब 11-12 बजे दोनों भाई इनोवा कार से रंजीत के शव को पिपरलोड, पुटपुरा होते हुए गिधवा बांध के पास ले गए।
गाड़ी से डीजल निकाला और पास के पैरावट में रंजीत के शव को रखकर डीजल छिड़ककर जला दिया ताकि कोई पहचान न पाए। इससे पहले मृतक के गले से बाजारू चेन निकाल ली ताकि पहचान न हो। मृतक की चप्पल को पुलिया के नीचे फेंक दिया। घर लौटते वक्त रास्ते में बुदेली खार के तलाब की पर मृतक के पर्स और मोबाइल को डीजल छिड़ककर जला दिया।

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