रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश सरकार आम जनता के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि में छत्तीसगढ़ की जनता की अपेक्षाओं पर शत प्रतिशत खरा उतरी है। रमन राज के कुशासन, वादाखिलाफ़ी और भ्रष्टाचार को भी छत्तीसगढ की जनता ने भोगा है। भूपेश सरकार में अन्नदाता किसान समृद्ध हुए हैं। अधिक धान, अधिक किसान, अधिक रकबा और वादे से अधिक दाम मिला है। भूपेश सरकार में कर्जमाफी के साथ ही किसानों का सिंचाई कर भी हुआ माफ हुआ है। किसानों को 12 हजार करोड़ से ज्यादा की बिजली रियायत कृषि पंपों पर दी गयी है। धान खरीदी 2018 में 56 लाख मिट्रिक टन थी जो 2023 में 107 लाख 53 हजार मिट्रिक टन हो गई। समर्थन मूल्य में धान बेचने वाले किसानों की संख्या 2018 में 12 लाख 6000 थी जो 2023 में 24 लाख 98 हजार हो गया अर्थात समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या 2018 की तुलना में दुगने से ज्यादा हो गई है। धान की खेती का रकबा भूपेश सरकार में 8 लाख हेक्टेयर बढ़ा है, सिंचाई का रकबा 2018 की तुलना में दुगुना हो गया है। 2018 तक केवल 4 लाख 92 हजार सिंचाई पंपों को रियायती दर पर बिजली मिलती थी 2023 में 6 लाख 86 हज़ार से अधिक किसानों के सिंचाई पंपों को निःशुल्क और रियायती दर पर बिजली दी जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सिंह चाउर वाले बाबा का मुखौटा लगाकर 36 हजार करोड़ का नान घोटाला किया, छत्तीसगढ़ के लाखों गरीब परिवारों का राशन खा गए। छत्तीसगढ़ में 2018 में 57 लाख 50 हज़ार राशन कार्ड थे, जो भूपेश सरकार में एपीएल और बीपीएल को मिलाकर 72 लाख 80 हजार हो गया है। सरकारी उचित मूल्य की राशन दुकाने 2018 में कुल 12298 थी, जो 2023 में बढ़कर 13507 हो गई। हर कार्ड पर 35 किलो राशन मिल रहा है तो भाजपाईयों को पीड़ा हो रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ पर कर्ज़ का भार बढ़ा है। रमन सरकार आने से पहले छत्तीसगढ़ पर कोई कर्ज भार नहीं था, उल्टे राजस्व सरप्लस वाला राज्य था। रमन राज में जल-जंगल-जमीन, बिजली-पानी-सड़क बेचे गए फिर भी गरीबी बढ़ी, जबकि भूपेश सरकार में पिछले 56 महीनों में 40 लाख़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए। रमन राज में प्रदेश के संसाधन भाजपा नेताओं और उनके पूंजीपति मित्रों का चारागाह बनाकर रखा गया था। आरडीए, एनआरडीए, सरकारी निगम, मंडल सब बदहाल स्थिति में पहुंचा दिए गए थे। 2018 में छत्तीसगढ़ की कुल जीडीपी मात्र 2 लाख 91 हजार करोड रुपए थी जो वर्ष 2023 में बढ़कर 5 लाख 9 हजार करोड़ हो गई। वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय 92 हजार रूपए था, जो 2023 में बढ़कर एक लाख 33 हजार रूपए प्रति वर्ष हो गया। विगत चार वर्षों से प्रदेश में ना कोई नया कर लगाया गया है और न ही विगत दो वर्षों से कोई नया ऋण लिया गया बल्कि पूर्ववर्ती रमन सरकार के कर्ज का भी रीपेमेंट किए और ब्याज भी पटाए हैं। वर्तमान में अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर कृषि, सेवा और उत्पादन में राष्ट्रीय औसत से छत्तीसगढ़ का प्रर्दशन पिछले 4 साल से बेहतर है तो भाजपाईयों को तकलीफ़ हो रही है।