भाजपा को गांधी-नेहरू परिवार से समस्या है, भूपेश बघेल ने दिया बड़ा बयान
देखें VIDEO....
रायपुर। भाजपा कुछ नया खोल लेते, नया खोलने में कोई समस्या है? उन्हें गांधी-नेहरू परिवार से समस्या है।उन्होंने राहुल गांधी का संसदीय दर्जा छीन लिया, उन्होंने उनका बंगला छीन लिया। अगर वह एक सामान्य व्यक्ति के रूप में अमेरिका जाते हैं और कुछ कहते हैं, तो पूरी भाजपा बयान देना शुरू कर देती है।
दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को अब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार फैसले के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। अब इस मामले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बयान दिया है। भूपेश बघेल ने कहा है कि बीजेपी को गांधी-नेहरू परिवार से समस्या है। केंद्र सरकार के फैसले पर बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, "उन्हें कुछ नया खोलना चाहिए था। क्या कोई समस्या है? उन्हें (बीजेपी को) गांधी-नेहरू परिवार से समस्या है। उन्होंने राहुल गांधी का संसदीय दर्जा छीन लिया। उन्होंने उनका बंगला छीन लिया। अगर वह एक सामान्य व्यक्ति के रूप में अमेरिका जाते हैं और कुछ कहते हैं, तो पूरी भाजपा बयान देना शुरू कर देती है।"
इससे पहले इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा टि्वटर पर आमने-सामने आ चुके थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं ! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, 'हिन्द के जवाहर' का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती!"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जवाब देने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मैदान में उतरे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस एक परिवार से ऊपर सोच ही नहीं पाती। जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, "राजनीतिक अपच का उत्कृष्ट उदाहरण। एक साधारण तथ्य को स्वीकार करने में असमर्थता कि एक वंश से परे भी ऐसे नेता हैं जिन्होंने हमारे देश की सेवा की और निर्माण किया है। पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इसे साकार करने के लिए दृष्टि का अभाव है। इस मुद्दे पर कांग्रेस का दृष्टिकोण विडंबनापूर्ण है क्योंकि उनकी पार्टी का एकमात्र योगदान पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल एक परिवार की विरासत बची रहे।"
जेपी नड्डा ने आगे कहा, "पीएम संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है। पंडित नेहरू से संबंधित धारा में बदलाव नहीं किया गया है। इसके विपरीत, इसकी प्रतिष्ठा बढ़ा दी गई है। एक ऐसी पार्टी के लिए जिसने भारत पर 50 से अधिक वर्षों तक शासन किया, उनकी तुच्छता वास्तव में दुखद है। यही कारण भी है कि लोग उन्हें नकार रहे हैं।"
बता दें कि 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बन गया था। जवाहर लाल नेहरू 16 साल तक इस घर में रहे और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली। इसके बाद इस तीन मूर्ति भवन को पंडित नेहरू की याद में उन्हें समर्पित कर दिया गया और इसे पंडित नेहरू म्यूजियम एंड मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।