ग्राम छतौना से आये किसान विमलकुमार केंवट ने बताया कि उनकी दादी एवं पिताजी की फौत के बाद नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन किये थे। बिना कोई परेशानी के प्रक्रिया के तहत उनका काम हो गया और उनकी मां कौशल्या के नाम पर जमीन चढ़ गई। जमीन के काग-जात भी तहसील कार्यालय से प्राप्त हो गया। लगभग 20 दिनों में आसानी से यह काम हो गया। पाली के किसान नंदकुमार कौशिक का भूमि सुधार के लिए दिया गया आवेदन का भी एक महीने में काम हो गया। उन्होंने जटिल समझ रहे काम के त्वरित गति से हो जाने पर खुशी जाहिर की। इसी प्रकार बहतराई के प्रमोद कौशिक को मुर्गीपालन उद्योग शुरू करने के लिए अपने पुरखौती जमीन अपने नाम पर कराना था। इसका पट्टा एवं बी-1 की कॉपी भी एक महीने के भीतर उन्हें प्राप्त हो गया। इस अवसर पर मौजूद अधिवक्ताओं ने चर्चा के दौरान कमिश्नर से कहा कि नकल के लिए अभी भी लोगों को तखतपुर जाना होता है। नकल देने की सुविधा भी यहां होनी चाहिए। कमिश्नर ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये। नये बन रहे तहसील कार्यालय में अधिवक्ताओं के बैठने की बेहतर व्यवस्था भी बनाने का आश्वासन कमिश्नर ने दिया है। डॉ. अलंग ने निरीक्षण में प्रमुख रूप से दायरा पंजी, राजस्व एवं दाण्डिक प्रकरण, चालू प्रकरण, निराकृत प्रकरण, अर्थदण्ड संबंधी फाईलो एवं नस्तियों का निरीक्षण किया और इनके और बेहतर संधारण के लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए। उन्हांने कानून संबंधी कुछ किताबों के लिए मांग पत्र भी भेजने को कहा है। इस अवसर पर एसडीएम तखतपुर श्री महेश शर्मा, तहसीलदार अश्विनी कंवर, नायब तहसीलदार मनीषा साहू एवं गुरूदत्त पंचभाई भी उपस्थित थे।