बीजापुर : चक्रीय निधि एवं प्राप्त ऋण से समूह ने बनाया सीमेंट ईंट

Update: 2021-07-24 17:08 GMT

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण विकास मंत्रालय का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी को दूर करना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय द्वारा जून 2011 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की शुरुआत की गयी थी। इसी के तहत् राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़ ग्रामीण आजीविका मिशन योजना बिहान अंतर्गत अत्यंत गरीब से गरीब महिला समूह से जुड़कर विभिन्न आजीविका गतिविधियों से अपना जीविकोपार्जन कर रही है। 10 से 12 महिलाओं से मिलकर एक स्व सहायता समूह बनता है। योजना अंतर्गत चक्रीय निधि के रुप में 15000 रुपए प्रत्येक समूह को आजीविका गतिविधियों हेतु प्रदान किया जाता है। इसके अलावा बैंक लिंकेज के माध्यम से समूह को प्रथम डोज में 1 लाख रुपए का ऋण दिया जाता है, जिसका वार्षिक ब्याज दर बहुत ही कम होता है। जिस ऋण राशि से समूह की महिलायें रोजगार के रुप में विभिन्न आजीविका गतिविधियॉ जैसे- किराना दुकान, सब्जी दुकान, दोना-पत्तल निर्माण, चिकन दुकान, राईस मिल, फैंसी दुकान, मोबाईल दुकान, चैनलिंक मशीन से तार जाली निर्माण, अंडा उत्पादन, लार्ल ईंट निर्माण, सीमेंट ईंट निर्माण एवं गौठानों में वर्मी व कम्पोस्ट खाद एवं सब्जी उत्पादन कर इन सब गतिविधियों से महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर रही हैं। यह बिहान योजना से ही संभव हो पाया है। ऐसे ही इस योजना का लाभ उठाते हुए जनपद पंचायत भोपालपटनम के कोत्तूर ग्राम पंचायत के लक्ष्मी स्व. सहायता समूह ने चक्रीय निधि एवं बैंक ऋण से प्राप्त धनराशि से 7000 सीमेंट ईंट निर्माण किया एवं 20 रुपए प्रर्ति ईंट की दर से एक लाख 40 हजार रुपये में विक्रय किया है। यह ईंट शासकीय कार्य जैसे मनरेगा एवं आवास में उपयोग हेतु संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा क्रय कर किया जा रहा है और इस तरह से समूह को आजीविका के रुप में रोजगार प्राप्त हो रहा है।

Tags:    

Similar News

-->