नई दिल्ली: शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, और अनवर ढेबर पर किसी तरह की कठिनतम कार्रवाई करने (नो कोर्सिव एक्शन) पर रोक लगाई है। इस प्रकरण में कुल पांच अफसर-कारोबारी को यूपी पुलिस ने आरोपी बनाया था। केस पर अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।
ईडी की रिपोर्ट पर ग्रेटर नोएडा के कसाना थाने में सभी के खिलाफ धारा 420, 468, 471 (दोनों जालसाजी से संबंधित), 473 (जालसाजी के लिए नकली मुहर बनाना या रखना), 484 (लोक सेवक द्वारा इस्तेमाल किया गया नकली चिह्न) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके खिलाफ पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, और अनवर ढेबर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सोमवार को याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने दुर्भावनापूर्वक केस बनाने का आरोप लगाया है। इस पर ईडी ने भी अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फिलहाल राहत देते हुए यूपी पुलिस को कठिनतम कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिए हैं।
ईडी ने मूल, और नकली होलोग्राम के सहारे के खिलाफ प्रदेश में शराब घोटाले का केस दर्ज किया। इस पूरे मामले में आबकारी सचिव निरंजन दास, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी, अनवर ढेबर, और होलोग्राम की निर्माता कंपनी के संचालक के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। इन सब पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।