कोरबा। पर्यटन स्थल देवपहरी में भ्रमण करने पहुंचे जांजगीर- चांपा जिले के दो युवक व दो युवती समेत चार लोग अचानक चोरनई नदी के जल का स्तर बढ़ने पर फंस गए। जान बचाने के लिए उन्हें ब्यू पाइंट कि छत के उपर सभी को शरण लेना पड़ा। करीब चार घंटे से फंसे युवक- युवतियों को पुलिस व स्टेट डिजास्टर रिलिफ फोर्स (एसडीआरएफ) की टीम ने रेस्क्यू कर किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला। कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर पर्यटन स्थल देवपहरी का गोविंद झूंझ जल प्रपात बेहद प्रसिद्ध है। दूरदराज से यहां झरने का मनमोहक नजारा लेने पर्यटक पहुंचते हैं। मानसून काल में पर्यटकों के लिए इसे प्रशासन प्रतिबंधित कर देती है। शनिवार को जांजगीर- चांपा जिले के अकलतरा ग्राम महुआडीह निवासी मनीष निर्मलकर 25 वर्ष. अंजली निर्मलकर 19 वर्ष, पिंटू उर्फ शिवा कुमार कौशिक 19 वर्ष, खुशबू सिंह 17 वर्ष देवपहरी पहुंचे। यहां सुरक्षा समिति के लोगों ने झरना के नजदीक नहीं जाने की हिदायत दी थी।
इसके बाद भी चारों झरने के नजदीक बनाए गए ब्यू पाइंट तक पहुंच गए। झरना पर पूरे उफान पर था ही, दूसरे छोर से बहने वाली चोरनई नदी भी अचानक उफान में आ गई और ब्यू पाइंट में चारों फंस गए। बताया जा रहा है कि शुरूआत में पानी कम था, पर अनहोनी के डर से चारों ब्यू पाइंट पर ही जमे रहे। थोड़ी देर में जल का स्तर बढ़ने लगा और खुद को बचाने चारों किसी तरह ब्यू पाइंट के छत पर जा चढ़े। इसकी जानकारी मिलने पर लेमरू थाना प्रभारी कृष्णा साहू, पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और एसडीआरएफ की टीम को इसकी सूचना दी। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद चारो युवक- युवतियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।
पानी का स्तर अधिक था, इसलिए एसडीआरएफ की टीम ने भी रेस्क्यू तत्काल शुरू करने की जगह पानी कम होने का इंतजार किया। जैसे ही रात आठ बजे पानी कम हुआ। एक छोर से दूसरे तक लंबी रस्सी पेड़ में बांध कर ब्यू पाइंट में चारों युवक- युवतियों को किसी तरह बाहर निकाला। इसमें एसडीआरएफ की टीम के जवानों का सहयोग स्थानीय ग्रामीणों ने भी किया। मानसून के दौरान जल स्त्रोत वाले पर्यटन स्थलों पर प्रशासन भ्रमण पर प्रतिबंध लगा देती है। आमतौर पर देखा जाता है कि कम पानी होने का हवाला देकर पर्यटक नियमों को ठेंगा दिखाते हुए प्रतिबंधित क्षेत्र में भी पहुंच जाते हैं। कई बार तो इस तरह की लापरवाही की वजह से पर्यटकों की जान भी चली जाती है। वहीं कई बार तो पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने प्रशासन को घंटो मशक्कत करना पडता है। कुछ ऐसी ही लापरवाही देवपहरी में युवक- युवतियों ने की।