डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स, सहायक आरक्षकों का नया कैडर : बजट में बस्तर संभाग के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स की घोषणा हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, पूर्ववर्ती सरकार के समय पुलिस में भर्ती किए गए स्थानीय लोगों के लिए पदोन्नति आदि की कोई व्यवस्था नहीं बनी थी। इनको सहायक आरक्षक कहा जाता था। पिछले दिनों सहायक आरक्षकों ने आंदोलन आदि भी किया था। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स नाम से नया कैडर बनाया जा रहा है। इसके जरिए उनके वेतन, भत्तों मेें सुधार होगा और पदोन्नति का मौका मिलेगा।
बिना सहमति बनाए बोधघाट परियोजना पर काम नहीं: दंतेवाड़ा में इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोध घाट बहु-उद्देशीय परियोजना से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, वहां स्थानीय समुदाय परियोजना के पक्ष में नहीं है। वहां आंदोलन हुए। आंदोलन करवाने वाले कौन हैं उन्हें सभी लोग जानते हैं। बिना स्थानीय लोगों की सहमति के बोधघाट परियोजना पर कोई काम नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार सहमति के आधार पर काम करने वाली है। हमने 8 हजार गांवों में गोठानों के लिए एक लाख एकड़ से अधिक जमीन आरक्षित की है। यह ग्रामीणों की सहमति से हुआ है। कहीं विवाद की स्थिति नहीं बनी और वहां काम भी बेहतर हो रहा है।
जनता के हाथ में पैसा ही छत्तीसगढ़ मॉडल : मुख्यमंत्री ने बुधवार को छत्तीसगढ़ मॉडल को भी परिभाषित किया। उन्होंने कहा, आम जनता के हाथ में पैसा पहुंचे, यही छत्तीसगढ़ मॉडल है। यह कैसे होगा इसकी व्यवस्था सरकार को करनी है। बघेल ने कहा, आम आदमी की जेब में पैसा रहेगा तो व्यापार चलेगा। व्यापार चलेगा तो उद्योगों में भी काम होगा। ऐसे में पूरी अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ लेगी।
खाद की किल्लत पर केंद्र से सवाल करने होंगे : रासायनिक खाद की किल्लत से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रासायनिक खाद की बड़ी किल्लत होने वाली है। इस बार उत्तर प्रदेश, पंजाब जैसे चुनावी राज्यों में भी खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाई। इसपर केंद्र से लगातार सवाल करने होंगे। केंद्र सरकार यह बताए कि रासायनिक खाद की आपूर्ति क्यों नहीं दे पा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार के पास खाद उत्पादन के प्लांट तो हैं, लेकिन उसका कच्चा माल विदेशों से आता है। फास्फोरस और नाइट्रेट पर कई देशों की मोनापॉली है। यह उनकी नीतियों की वजह से हो रहा है, या फिर केंद्र सरकार उत्पादन हतोत्साहित करने के लिए यह किल्लत पैदा कर रही है यह बताना होगा।
गोबर के ब्रीफकेस में बजट संस्कृत में लिखा- 'गोमय वसते लक्ष्मी'
छत्तीसगढ़ के ष्टरू भूपेश बघेल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विधानसभा में बजट पेश किया। इस दौरान बघेल के हाथ में मौजूद एक ब्रीफकेस काफी चर्चा में है। दरअसल यह ब्रीफकेस गोबर से बना हुआ है, जिसे लेकर बघेल ने बजट पेश किया। इस ब्रीफकेस पर संस्कृत में 'गोमय वसते लक्ष्मीÓ लिखा था, जिसका अर्थ गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। देश में ऐसा पहली बार है जब किसी मुख्यमंत्री ने बजट लाने लिए गोबर से बने ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया है। आम तौर पर इससे पहले अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री चमड़े या जूट से बने ब्रीफकेस का इस्तेमाल बजट की प्रति लाने के लिए करते रहे हैं। इस ब्रीफकेस को रायपुर गोकुल धाम गौठान में काम करने वाली महिला स्वंय सहायता समूह 'एक पहलÓ की महिलाओं ने तैयार किया है।
10 दिन में तैयार हुआ ब्रीफकेस : समूह की महिलाओं ने बताया कि इस ब्रीफकेस की खासियत ये है कि इसे गोबर पाउडर, चूना पाउडर, मैदा, लकड़ी एवं ग्वार गम के मिश्रण को परत दर परत लगाकर 10 दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। बजट के लिए विशेष तौर पर तैयार इस ब्रीफकेस के हैंडल और कॉर्नर कोंडागांव शहर के समूह ने बस्तर आर्ट कारीगर से तैयार करवाया गया है।