- भूपेश मॉडल से देश की सत्ता पर होगी कांग्रेस की वापसी
- भूपेश बघेल ने साबित कर दिया कि भूपेश है तो भरोसा है
- यह भी राजनीतिक घटनाचक्र भूलने लायक नहीं - भाजपा शासनकाल में डा.रमनसिंह चाऊर वाले बाबा के नाम से प्रख्यात थे, और दिग्गज नेताओं के नेतृत्व में भिलाई और रायपुर सहित कई नगर निगम चुनाव में भाजपा के मंसूबे पर पानी फेरते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रहते हुए बड़े ही हैरतअंगेज अंदाज में चुनाव जीता था, प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अपनी राजनीतिक हैसियत व रणनीति का लोहा मनवाया था।
राजनीतिक संवाददाता
रायपुर (जसेरि)। नगरीय निकाय चुनाव में मिले ऐतिहासिक जीत ने साबित कर दिया कि भूपेश बघेल ऐसे देदिव्यमान नक्षत्र है जो राजनीतिक के आसमान पर फिर से पूरे देश में कांग्रेस का उदय करने की क्षमता रखते हैं। कांग्रेस हाईकमान को भूपेश बघेल पर पूरा विश्वास है कि कांग्रेस को केंद्र की सत्ता में वापसी में सबसे बड़ा योगदान होगा। जिसके लिए देश भर में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा की शुरूआत हो चुकी है। जिसके सहारे कांग्रेस को देश भर में फिर से स्थापित करने में मदद मिलेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने भूपेश बघेल के प्रति विश्वास किया और बंपर समर्थन देकर पंजा पर मुहर लगाकर ऐतिहासिक जीत के साथ सारे रिकार्ड तोड़ दिए । उसी रिकार्ड को जनता ने निकाय चुनाव में फिर से दोहराया है। 15 में से 14 निकाय जनता ने कांग्रेस की झोली में डाल कर भूपेश बघेल के विकास मॉडल पर मुहर लगा दी है। भाजपा का साम्प्रदायिकता कार्ड कवर्धा मॉडल को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया और भूपेश बघेल के विकास मॉडल पर भरोसा दिखाया। देखा जाय तो छत्तीसगढ़ में 2004 से 2018 तक हुए नगरीय निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ ही जनादेश मिलता आया है।
पर भूपेश बघेल ने इस परंपरा को तोड़ दिया है वहीँ भाजपा ने कद्दावर नेताओ की फौज खड़ी कर दी थी। 15 दिन से एक ही स्थान पर भाजपा नेता बिरगांव के एक वार्ड में डेरा जमाये हुए भी थे, लेकिन जनता ने सर्वाधिक वोट उसी वार्ड के प्रत्याशी को देकर बता देकर बता दिया कि चलेगा तो सिर्फ भूपेश मॉडल ही। भाजपा के चाणक्य के मिथक को भूपेश बघेल ने तोड़ दिया। भाजपा के प्रभारी और सह प्रभारी भी छत्तीसगढ़ में डेरा जमाये रहे एक नगरीय निकाय में चार चार लोगों को प्रभार दिया गया था जबकि भूपेश बघेल ने उस नगरीय निकाय क्षेत्र में क्षेत्र के विधायक या संगठन के लोगों को ही यह कार्य सौंपा था। 2004 से 2018 के दौर की बात करें तो कांग्रेस में अंतर्विरोध भी कम नहीं था बड़े बड़े नेताओं का अपना गुट था, प्रथम पंक्ति के नेताओ की भी कमी थी उसके बावजूद भूपेश बघेल ने अपने क्षमता का लोहा मनवाते हुए कई नगर निगम और नगर पालिका सहित नगर पंचायतो में कब्जा जमाया था, जिसे उन्होंने आज भी कायम रखा, उस मिथक को ही तोड़ दिया जिसमें ये कहा जाता था कि सत्ता के खिलाफ जनादेश मिलता ही है। भूपेश सरकार का सीधा जनता से रिश्ता होना ही भूपेश बघेल सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा। 2018 में कांग्रेस को तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में ऐतिहासिक तीन चौथाई बहुमत के साथ बंपर सफलता मिली थी ।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही भूपेश बघेल ने चुनावी घोषणाओं पर अमल शुरू कर दिया। शपथ लेते ही किसानों की कर्ज माफी के आदेश पर हस्ताक्षर कर भूपेश सरकार ने इतिहास रच दिया। छत्तीसगढ़ के काबिल नेताओं को दिल्ली की राजनीति में प्रभावी स्थान भी मिला था। रविशंकर शुक्ल, विद्याचरण शुक्ल,मोतीलाल वोरा, अरविन्द नेताम, शिवेंद्र बहादुर सिंह जैसे नेताओ की दिल्ली की राजनीति में मजबूत पकड़ थी। उस परंपरा को छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल ने कायम रखा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस हाईकमान ने आसाम चुनाव के बाद उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्य में होने वाले चुनाव में मुख्य पर्यवेक्षक बनाकर गाँधी परिवार की बेटी प्रियंका गाँधी वाड्रा के साथ काम करने का अवसर दिया है। भारतीय जनता पार्टी और उनके अनुषांगिक संस्थाओं ने छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं को समझ नहीं पाए। प्रदेश में कवर्धा घटना को काफी हवा दिया गया यहाँ के माहौल को साम्प्रदायिक बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़े थे। छत्तीसगढ़ की जनता पूरे देश में भोली भाली जनता के रूप में जानी व पहचानी जाती है। यहाँ की जनता ने हिन्दू-मुस्लिम पर ध्यान न देकर भूपेश सरकार की विकास को ध्यान देकर वोट किया । सर्वधर्म समभाव की भावना वाली भूपेश सरकार ने सीधा प्रगाढ़ रिश्ता जनता से बनाया और 15 में से 14 निकाय को अपने झोली में डाल लिया। आज गांवों और शहरों में नरवा, गरवा, घुरवा,बाड़ी के जरिए हो रही समृद्धि और खुशहाली को पूरा देश देख कर भूुपेश मॉडल का अनुसरण कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्री भी छत्तीसगढ़ मॉडल की तारीफ कर चुके हैं। गौरतलब है कि भूपेश बघेल ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की मानिटरिंग खुद कर तीन सालों में बेमिसाल उपलब्धियां हासिल की। छग में बह रहे विकास की गंगा को देख जनता ने भूपेश बघेल और कांग्रेस पर भरोसा कर 2018 में दिए जनादेश को दोहरा दिया है। भूपेश बघेल ने आज साबित कर दिया कि भूपेश है तो भरोसा है।