भूपेश दाऊ कांग्रेस पार्टी के बन गए ताऊ...

Update: 2024-03-27 06:01 GMT

रायपुर (जसेरि)। भूपेश बघेल ने अपनी मर्जी से जब चाहा जैसा चाहा वैसा ही कांग्रेस पार्टी की राजनीति में मनमर्जी हमेशा का तरह चलाता रहा। पिछले पांच वर्षों में भूपेश ने कांग्रेस आलाकमान को अपनी अंगुलियों में नचाता रहा, यह साबित कर दिया कि भूपेश जो चाहेगा वही कांग्रेस पार्टी में होगा। छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी में एकतरफा भूपेश दाऊ की ही चली ऐसा टिकट वितरण के बाद दिखने लगा है। अपने मंत्रियों को जैसे ताम्रध्वज साहू को महासमुंद दिया, देवेंद्र यादव को बिलासपुर, शिवकुमार डहरिया जांजगीर, कवासी लखमा बस्तर, खुद राजनांदगांव से टिकट लेकर चुनावी समर कूद पड़े है। वही बाकी चार सीटों पर माथापच्ची करने के बाद ही भूपेश दाऊ की ही चली। अपने मंत्रिमंडल के गठन के समय भी दुर्ग संभाग को तवज्जो देकर स्वयं सहित चार मंत्री बनाकर दुर्ग संभाग से सबसे ज्यादा निगम मंडल एवं सत्ता के पावरफुल पदाधिकारियों में समावेश कर अपनी राजनीतिक पैठ बता दी थी और अपने विरोधियों के औकात भी ठिकाने लगा दी थी।

कांग्रेस की लोकसभा सीटों के बंटवारे में भी साफ तौर पर भूपेश की ही ताऊ वाली भूमिका नजर आ रही है। अपनो अधिकांश मंत्रियों को जो विधानसभा चुनाव नहीं जीते कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने एवं पार्टी कार्यकर्ताओं को 5 साल नजरअंदाज करने का आरोप खुले आम लग रहा है। दुर्ग जिले से सभी बड़े लोग लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं जिसके कारण जिले के कार्यकर्ता एवं नेता संबंधित लोकसभा क्षेत्र छोड़ बड़े नेताओं के पीछे भागेंगे जिससे दुर्ग लोकसभा में भारी कमी व टोटा पड़ जाएगा। इसके पीछे की कहानी कुछ और भी हो सकती है इसकी भी शिकायत पार्टी के वरिष्ठजनों से भूपेश के घोरविरोधी कर रहे। भूपेश दाऊ की सभी शिकायतें आलाकमान कोहोने के बावजूद भूपेश के पूरे विरोधी एकजुट होकर आलाकमान के पास सभी प्रकार के भ्रष्टाचार जो कांग्रेस शासन में कांग्रेस पार्टी को बर्बाद करने वाले प्रकरण और घोटाले को भी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा को अवगत कराया गया। प्रदेश के असंतुष्ट और विरोधी गुट भूपेश बघेल से चुनाव के बाद दो-दो हाथ करने के लिए तैयार थे, लेकिन सभी विरोधी गुटों का मंसूबा पूरे तरीके से फेल होते दिख रहा है और दाऊ की पार्टी में दादागिरी बढ़ते ही जा रही है है। अब देखना है कि हारे हुए मंत्रियों की टीम कांग्रेस पार्टी और दाऊ की इज्जत बचाती है क्या?

भूपेश अपनों पर करते वार (दाऊ के शिकार नेता)

जानकार कहते है कि कांग्रेस पार्टी का एकाउंट फ्रीज हो गया है और पार्टी के पास बड़े पैमाने पर चुनाव खर्च करने के चुनावी फंड नहीं होने के कारण, जिन्होंने कांग्रेस शासन में मंत्री रहते हुए सत्ता का लाभ लिया और जो खुद भारी पैसा लगा कर चुनाव लड़ सकते है उन लोगों को दाऊ ने लोकसभा टिकट दिलाकर अपनी राजनीतिक दक्षता साबित कर दिया। देवेंद्र यादव तो श्वष्ठ के सबसे बड़े तलबगार आरोपी है, जिसे कांग्रेस पार्टी ने बिलासपुर से टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है। राजनीतिक पंडितो का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद भूपेश दाऊ अपने सभी विरोधियों को कांग्रेस कमेटी से चलता करने से भी बिलकुल पीछे नहीं हटेंगे। दीपक बैज और मोहन मरकाम अपने कट्टर विरोधियों की टिकट काटकर ये साबित किया।  

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