भूपेश बघेल ही बचा रहे झीरम हमले के आरोपी को, बीजेपी नेता का दावा - जेब में रखे हैं सबूत
अपनी पार्टी के नेताओं को मरवाने वाले कांग्रेस नेता आज सांसद चुनाव लड़ रहे हैं। इतना ही नहीं आलाकमान उस पर आंख बंद कर भरोसा भी जता रही हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कर्ता-धर्ता बन बैठे हैं।
रायपुर। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के जेब में झीरम हमले का पूरा सबूत हैं। बघेल ही झीरम हमले के आरोपी को बचा रहे हैं. यह दावा बीजेपी नेता चंद्रशेखर शुक्ला ने किया हैं। और राहुल गांधी से इस मामले पर आज बस्तर जनसभा में जवाब देने की मांग की है। आगे उन्होंने उदय मुदलियार के परिवार से भी आग्रह किया है कि राजनांदगांव चुनाव के प्रत्याशी भूपेश बघेल से सबूत को सार्वजनिक कराए। कांग्रेस पार्टी के आपसी नेताओं की खींचतानी और तत्कालिन आदिवासी नेता और OBC नेता की दुश्मनी कांग्रेस के नेताओं को झीरम जैसे खूनी साजिश को अंजाम देने के लिए पर्याप्त इंतजाम किया गया था। जिसका सबूत खुद भूपेश बघेल ने 2017 में राहुल गांधी को स्व. अहमद पटेल और अन्य प्रदेश के नेताओं के सामने रखी थी। उसके बावजूद झीरम कांड के आरोपियों को कांग्रेस पार्टी पद प्रतिष्ठा टिकट देती रही हैं। क्या कारण है और क्या दबाव है? इसका जवाब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए चंद्रशेखर शुक्ला ने राहुल गांधी और भूपेश बघेल से मांगा है। जानकारी के अनुसार उसी समय कांग्रेस की आदिवासी नेत्री ने भूपेश बघेल और राहुल गांधी को झीरम कांड के मुख्य आरोपियों का वीडियो व काला चिट्ठा दिया था। सीधा आरोप कवासी लखमा पर लगाया था। जिसके आधार पर उस कांग्रेस नेत्री को उच्च पद बार-बार दिए गए।
हॉस्पिटल में कवासी लखमा को लताड़ लगाते और कड़ी पूछताछ करते कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष चरणदास महंत
बीजेपी नेता चंद्रशेखर शुक्ला का कहना है कि जिस कवासी लखमा को पूरा छत्तीसगढ़ और पूरा काँग्रेस झीरम घाटी नरसंहार का संदिग्ध माता है तथा जिसे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी 2013 में संदिग्ध ठहराया था को आपने क्या क्लीन चिट देकर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है?
क्या झीरम के शहीदों को आप शहीद नहीं मानते हैं या सिर्फ शहीद सिर्फ वही हैं जो आपके परिवार से हैं, आपने इनको न्याय दिलाने के लिये संसद में कितनी बार मांग / प्रयास किया है?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिन सबूतों को जेब में डाल के रखे हुये हैं वह सबूत क बाहर आयेंगे? अब तो आपकी सरकार भी चली गई भूपेश बघेल किसे बचाना चाहते हैं ।
चंद्रशेखर शुक्ला का यह भी कहना है कि झीरम घाटी का नरसंहार काँग्रेस के नेताओं की आपसी खूनी रंजिश की परीणिती है जिसमें शहीद विद्या भैय्या, शहीद नंद कुमार पटेल, शहीद महेन्द्र कर्मा और शहीद उदय मुदलियार सहित 31 अन्य काँग्रेस कार्यकर्ताओं को शहादत देनी पड़ी थी। गौरतलब है कि झीरम नक्सली हमले में कांग्रेस नेता नंद कुमार पटेल, प्रतिपक्ष के पूर्व नेता महेन्द्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ला सहित 29 व्यक्ति मारे गये थे।