भूपेश बघेल ही बचा रहे झीरम हमले के आरोपी को, बीजेपी नेता का दावा- जेब में रखे हैं सबूत

छत्तीसगढ़

Update: 2024-04-14 07:07 GMT
रायपुर: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के जेब में झीरम हमले का पूरा सबूत हैं। बघेल ही झीरम हमले के आरोपी को बचा रहे हैं. यह दावा बीजेपी नेता चंद्रशेखर शुक्ला ने किया हैं। और राहुल गांधी से इस मामले पर आज बस्तर जनसभा में जवाब देने की मांग की है। आगे उन्होंने उदय मुदलियार के परिवार से भी आग्रह किया है कि राजनांदगांव चुनाव के प्रत्याशी भूपेश बघेल से सबूत को सार्वजनिक कराए। कांग्रेस पार्टी के आपसी नेताओं की खींचतानी और तत्कालिन आदिवासी नेता और ह्रक्चष्ट नेता की दुश्मनी कांग्रेस के नेताओं को झीरम जैसे खूनी साजिश को अंजाम देने के लिए पर्याप्त इंतजाम किया गया था। जिसका सबूत खुद भूपेश बघेल ने 2017 में राहुल गांधी को स्व. अहमद पटेल और अन्य प्रदेश के नेताओं के सामने रखी थी। उसके बावजूद झीरम कांड के आरोपियों को कांग्रेस पार्टी पद प्रतिष्ठा टिकट देती रही हैं। क्या कारण है और क्या दबाव है? इसका जवाब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए चंद्रशेखर शुक्ला ने राहुल गांधी और भूपेश बघेल से मांगा है। जानकारी के अनुसार उसी समय कांग्रेस की आदिवासी नेत्री ने भूपेश बघेल और राहुल गांधी को झीरम कांड के मुख्य आरोपियों का वीडियो व काला चि_ा दिया था।सीधा आरोप कवासी लखमा पर लगाया था। जिसके आधार पर उस कांग्रेस नेत्री को उच्च पद बार-बार दिए गए। बीजेपी नेता चंद्रशेखर शुक्ला का कहना है कि जिस कवासी लखमा को पूरा छत्तीसगढ़ और पूरा काँग्रेस झीरम घाटी नरसंहार का संदिग्ध माता है तथा जिसे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी 2013 में संदिग्ध ठहराया था को आपने क्या क्लीन चिट देकर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है? क्या झीरम के शहीदों को आप शहीद नहीं मानते हैं या सिर्फ शहीद सिर्फ वही हैं जो आपके परिवार से हैं, आपने इनको न्याय दिलाने के लिये संसद में कितनी बार मांग / प्रयास किया है? पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिन सबूतों को जेब में डाल के रखे हुये हैं वह सबूत क बाहर आयेंगे? अब तो आपकी सरकार भी चली गई भूपेश बघेल किसे बचाना चाहते हैं ।
चंद्रशेखर शुक्ला का यह भी कहना है कि झीरम घाटी का नरसंहार काँग्रेस के नेताओं की आपसी खूनी रंजिश की परीणिती है जिसमें शहीद विद्या भैय्या, शहीद नंद कुमार पटेल, शहीद महेन्द्र कर्मा और शहीद उदय मुदलियार सहित 31 अन्य काँग्रेस कार्यकर्ताओं को शहादत देनी पड़ी थी। गौरतलब है कि झीरम नक्सली हमले में कांग्रेस नेता नंद कुमार पटेल, प्रतिपक्ष के पूर्व नेता महेन्द्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ला सहित 29 व्यक्ति मारे गये थे। कांग्रेस के पूर्व नेता चंद्रशेखर शुक्ला ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखा है। उन्होंने राहुल गांधी से अपने पत्र के जरिए तीन सवाल पूछे हैं, जिसमें बस्तर में हुए झीरम घाटी नक्सल हमले का भी जिक्र है। उन्होंने कहा कि कवासी को महंत ने 2013 में जिसे संदिग्ध ठहराया था, उसे आपने क्या क्लीन चिट देकर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है ? बता दें राहुल गांधी आज बस्तर दौरे पर हैं और वहां से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, इसी को लेकर चंद्रशेखर शुक्ला ने हमला बोला है। चंद्रशेखर ने पत्र में ये लिखा : राहुल गांधी को लिखे पत्र में शुक्ला ने कहा कि क्या झीरम के शहीदों को आप शहीद नहीं मानते हैं या सिर्फ शहीद सिर्फ वही हैं, जो आपके परिवार से हैं, आपने इनको न्याय दिलाने के लिए संसद में कितनी बार मांग और कोशिश की है ? चंद्रशेखर बोले- भूपेश बघेल जी किसे बचाना चाहते हैं ?: तीसरे सवाल में कहा कि पूर्व ष्टरू भूपेश बघेल जिन सबूतों को जेब में डालकर रखे हुए हैं, वह सबूत कब बाहर आएंगे ? अब तो आपकी सरकार भी चली गई, भूपेश बघेल जी किसे बचाना चाहते हैं। मेरा यह मानना है झीरम घाटी का नरसंहार कांग्रेस नेताओं की आपसी खूनी रंजिश का नतीजा है, जिसमें शहीद विद्या भैय्या, शहीद नंद कुमार पटेल, शहीद महेन्द्र कर्मा जी और शहीद उदय मुदलियार सहित 31 अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शहादत देनी पड़ी थी। मेरा शहीद उदय मुदलियार के परिवार से भी आग्रह है कि राजनांदगांव चुनाव के प्रत्याशी भूपेष बघेल को सबूत को सार्वजनिक करने का आग्रह करें। कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं शुक्ला: 32 साल से कांग्रेस में रहे महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। बता दें कि शुक्ला एनएसयूआई में प्रदेश महामंत्री, यूथ कांग्रेस में महामंत्री और यूथ कांग्रेस पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके बाद उन्हें प्रदेश सचिव बनाया गया। सात साल तक वे किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। भूपेश सरकार आई तो उन्हें प्रभारी संगठन महामंत्री जैसा बड़ा पद दिया गया। वर्तमान में वे महामंत्री के साथ जांजगीर चांपा लोकसभा के प्रभारी थे।
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