रायपुर। प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप सुराजी गांव योजना के उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों मे सामाजिक जगृति की मिशाल भी है। जिसकी रोशनी से ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ने का संबल और हौसला मिला है और वे आत्मनिर्भर बन रही है। हम बात कर रहे हैं-बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत अंतिम छोर पर शिवनाथ नदी के किनारे पर बसे ग्राम पंचायत अमलडीहा के रोशनी महिला स्व-सहायता समूह की जिन्होने ''जहाँ चाह, वहाँ राह'' इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाया है। शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी अंतर्गत गौठान एवं चारागाह निर्माण कर इसे अपनी आय का साधन बना लिया हैं एवं वे सशक्त हो रही हैं। यह समूह महिलाओं को स्वावलंबन की दिशा मे आगे ले जा रहा है। ग्राम पंचायत अमलडीहा सरपंच श्रीमती कुंती देवी के परिश्रम से ये सफल हो पाया हैं। इसी क्रम में रोशनी स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया गया हैं एवं बिक्री कर समूह को एक लाख 41 हजार की आमदनी प्राप्त हुइ है। इसी के साथ रोशनी स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा चारागाह में आबंटित 2 एकड़ में हल्दी एवं अदरक का उत्पादन किया जा रहा हैं। जिनमें अनुमान है कि बिक्री पश्चात समूह को 80 हजार रू. का लाभांश प्राप्त होगा। इसी के साथ किरण एवं बुढ़ादेव स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा चारागाह में एक-एक एकड़ में सब्जी उत्पादन किया जा रहा हैं। अभी वर्तमान में भिण्डी का उत्पादन हो रहा हैं जो लगभग 40 किलो प्रति दिवस बिक्री हेतु बाजार पहुंच रहा रहा हैं। लॉकडाउन की अवधि मे इन्हे रोजगार का साधन मिला साथ ही ग्रामीणों के स्थानीय स्तर पर सब्जी-भाजी की उपलब्धता हुई। बाड़ी विकास के माध्यम से समूह की प्रत्येक महिलाओं को 2000 से 2500 रू. प्रति माह की आय प्राप्त होगी। कलेक्टर बेमेतरा द्वारा अमलडीहा के आदर्श गौठान को गोद लिया गया है।
इसके अलावा भी कई अन्य गतिविधियां गौठान में प्रस्तावित हैं जैसे मत्स्य पालन जिसके लिए तालाब का निर्माण किया जा चुका हैं, मुर्गी पालन हेतु शेड जिसे निर्मित तालाब के ऊपर बनाया गया है जिससे कि मुर्गी पालन किया जा सकें, बकरी पालन गौठान में शेड़ का निर्माण किया जा रहा हैं। फूल एवं दलहन फसलों के खेती की तैयारी की जा रही हैं इसके अलावा भी स्व-सहायता समूह की महिलाओं की आजीविका के विकास हेतु और भी कार्य योजना बनाई जा रही हैं।