बांठिया अस्पताल ने रोका शव हेल्थ विभाग ने दिया नोटिस
सीएमएचओ ने मरीज के इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे
अकिफ फरिश्ता
जांच का विषय ये होना चाहिए
मरने वाले मरीज़ों के परिजनों का बयान लिया जाए।
भर्ती किये गए मरीज़ों के परिजनों से बयान लिया जाए।
मरीज़ स्वस्थ होकर अस्पताल से गए है उनका बयान लिया जाए।
वर्तमान में मरीज़ अस्पताल में भर्ती है उनका भी बयान लिया जाए।
मरीज़ों से जुड़े सभी दस्तावेजों को भी पेश किया जाना चाहिए।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी निजी बांठिया हॉस्पिटल में मरीज़ों से मरने के बाद जो कोरोना महामारी में लूट के मामले सामने आए है जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मीरा बघेल ने नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में प्रबंधन से मरीज के इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे गए हैं. दो दिन के भीतर सभी प्रामाणिक दस्तावेज की मांग की गई है. साथ ही इलाज के नाम पर ली गई राशि और समस्त दस्तावेज जमा कराना होगा।
जनता से रिश्ता के खबर का असर
आज से कुछ दिन पूर्व बांठिया अस्पताल में एक कोविड मरीज़ की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के परिजनों से कलेक्टर के द्वारा जारी रेट लिस्ट से भी ज्यादा दाम लिया गया। इस मामले का पूरा खुलासा जनता से रिश्ता ने प्रमुखता से अपने समाचार पत्र और न्यूज़ वेबसाइट में किया। इस खबर का असर देखने को मिला है।
बांठिया अस्पताल में भर्ती मरीज़ के परिजनों ने जनता से रिश्ता को बताया कि बांठिया अस्पताल प्रंबंधन एक दिन में 25 हज़ार बेड चार्ज और आईसीयू चार्ज लेता है। मरीज़ को भर्ती कराने से पहले नगद रुपए जमा कराने पड़ते है।
डॉ बांठिया ने मीडिया को दिया ये बयान
बांठिया अस्पताल के संचालक डॉ बांठिया ने मीडिया के वीडियो कैमरे के सामने बताया कि उनके द्वारा कलेक्टर से जारी किए रेट लिस्ट से जितने ज्यादा रकम लिए गए उनको वो वापस करते है। इसका प्रमाण जनता से रिश्ता के पास भी मौजूद है।
बांठिया हॉस्पिटल का कोरोना महामारी के नाम पर लूट
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मीरा बघेल ने बताया कि वेबसाइट और अख़बारों में ख़बर है, जो दस्तावेज़ ख़बरों में प्रस्तुत किए गए हैं, वो प्रमाणिक नहीं लगते हैं. इसलिए बांठिया हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है. मरीज़ से इलाज संबंधी और बिल से संबंधित तमाम मूल दस्तावेज़ जिला चिकित्सा के कार्यालय में पेश करना होगा. दस्तावेज़ और इस स्पष्टीकरण ग़लत पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।