विस चुनाव: आचार संहिता 99 दिन दूर...

Update: 2023-06-10 05:15 GMT

छग, मप्र-राजस्थान में चुनावी सरगर्मियां बढ़ीं, बंटने लगी मुफ्त की रेवडिय़ां

नई दिल्ली/रायपुर (जसेरि)। आगामी नवंबर-दिसंबर में तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। केन्द्रीय चुनाव आयोग ने इसके लिए राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारी तेज करने के निर्देश दिए हैं। आयोग की टीम राज्यों के साथ मिलकर तैयारियों को धरातल पर क्रियान्वित करने को कहा है। छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश-राजस्थान में आचार संहिता लागू होने में अब 100 दिन से भी कम समय रह गए हैं। इसे देखते हुए सत्ताधारी व प्रमुख राजनीतिक दल लोगों को लुभाने के तरीके ढूढ रहे हैं। इन राज्यों में सत्ताधारी दलों ने लोंगो को मुफ्त की रेवड़ी बांटने के साथ कई रियायतें देने की शुरूआत कर दी है। छत्तीसगढ़ में चुनाव से ठीक पहले बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते देने के साथ नौकरियों का पिटारा खोल दिया है वहीं सरकार बनने पर धान खरीद 2800/- क्विंटल करने का ऐलान किया है। मध्यप्रदेश सरकार लाडली बहना योजना से महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने के साथ कई रियायते देना शुरू कर दिया है। इसी तरह राजस्थान सरकार ने 500 में गैस सिलेंडर से लेकर कई अन्य योयनाओं के साथ वोटर्स को लुभाने का तरीका अपनाया है। जो भी चुनाव का समय नजदीक आने के साथ इन राज्यों में राजनीतिक सरगर्मी भी बढऩे लगी हैं।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का पहला चरण आज से शुरू : रायपुर जिले में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसकी अगली कड़ी में मशीनों की जांच का पहला चरण शनिवार से शुरू हो रहा है। जिसमें हैदराबाद से इंजीनियर सहित जिला प्रशासन के 88 स्टाफ मिलकर सभी प्रकार की 10,918 मशीनों की जांच करेंगे। जांच की यह प्रक्रिया रोज सुबह नौ बजे से ही शुरू होगी और देर शाम सात बजे तक चलेगी। वहीं, इस पूरी जांच प्रक्रिया की गूगल कास्टिंग भी की जाएगी, जिसकी मानीटरिंग मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय द्वारा की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान स्ट्रांग रूम में किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं रहेगी। साथ ही कैमरा सहित अन्य आधुनिक उपकरण भी यहां प्रतिबंधित रहेंगे। चुनाव ड्यूटी में लगे अफसरों के अनुसार इन मशीनों की तीन बार जांच (कमिशनिंग) की जाती है। जिसमें बीयू (बैलेट यूनिट), सीयू (कंट्रोल यूनिट) और वीवी पैट सभी प्रकार की मशीनों की जांच की जाएगी। इसके बाद वापस से इन्हें पैक कर रख दिया जाएगा।

ईसीआइ की ओर से आए 18 इंजीनियर्स : मशीनों की कमिशनिंग के लिए ईसीआइ (इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया) की ओर से 18 इंजीयनिर्स की टीम भेजी गई है, जो कि अफसरों की मौजूदगी में सभी मशीनों की जांच कर उन्हें ओके करेगी। जिसके बाद ही इन मशीनों का उपयोग चुनाव के दौरान किया जा सकेगा। इसके बाद दूसरे चरण की जांच चुनाव के दौरान की जाएगी।

सभी मशीनें जरूरत से ज्यादा : ईसीआइ के नियमानुसार सभी मशीनों की उपलब्धता जरूरत से 125 प्रतिशत होनी चाहिए। वहीं, जिला प्रशासन के अफसरों का कहना है कि हमारे पास मशीनों की संख्या जरूरत से कहीं ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है। जिसमें बीयू 300 प्रतिशत अधिक, सीयू 158 प्रतिशत अधिक और वीवी पैट 169 प्रतिशत अधिक है। ऐसी स्थिति में चुनाव के दौरान इनके कम होने की संभावना नहीं है।

छत्तीसगढ़ में 5 लाख नए वोटर, 375 बूथ भी बढ़ेंगे : छत्तीसगढ़ में नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के लिए इस बार 5 लाख से ज्यादा वोटर बढऩे की संभावना है। इन नए मतदाताओं के लिए पौने 4 सौ मतदान केंद्र (पोलिंग बूथ) बनाए जा सकते हैं। यह नहीं, आयोग रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जैसे शहरों में बूथ पर वोटरों की भीड़ को नियंत्रित करने की योजना भी बना रहा है।

प्लान ये है कि जिन परिसरों या भवनों में चार-पांच या ज्यादा बूथ हैं, उनकी संख्या कम कर दी जाए। इसके लिए नए स्थानों की तलाश शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं। रायपुर में आई केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने शुक्रवार को प्रदेश के 15 जिलों के कलेक्टर-एसपी तथा आला अफसरों के साथ मंथन किया। गुरुवार को 18 जिलों के अफसरों से डेटा लिया गया था। शनिवार की बैठक में तय हुआ कि एक परिसर से बूथ घटाने तथा संख्या बढ़ाने पर राजनीतिक दलों के साथ भी संवाद होगा। हर बूथ में अधिकतम 1500 वोटरों के मतदान के ही इंतजाम रहेंगे। अगर किसी बूथ में ज्यादा वोटर हुए तो उसे नजदीकी नए बूथ में शिफ्ट किया जाएगा। चुनाव में कितनी फोर्स लगेगी, अभी यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन आयोग की टीम ने सुरक्षा इंतजाम के लिए शाम को सीआरपीएफ, होमगार्ड, लोकल पुलिस, रेल पुलिस और सीआईएएफ के इंचार्ज की बैठक भी ली और यहां सुरक्षा बलों की उपलब्धता का ब्योरा भी लिया है।

हर जिले में नए अफसर करवाएंगे चुनाव

केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम के साथ दो दिनी चुनावी तैयारियों के मंथन में यह बात सामने आई कि सभी 33 जिलों में नए अधिकारियों से चुनाव कराने के निर्देश पर सख्ती से अमल करने के लिए कहा गया है। सभी जिलों के कलेक्टर-एसपी ने ज्वाइंट प्रजेंटेशन आयोग की टीम के सामने दिया है। आयोग की टीम में वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा और नितेश व्यास, उप निर्वाचन आयुक्त हिरदेश कुमार, अजय भादू, आरके गुप्ता, एमके साहू और एनएन बुटोलिया आए हैं। दोनों दिन की बैठक में छत्तीसगढ़ की सीईओ रीना बाबा साहब कंगाले भी शामिल हुईं। टीम ने सीएस अमिताभ जैन, डीजीपी अशोक जुनेजा, प्रमुख विभागों के सचिवों के साथ नवा रायपुर में चुनाव पर लंबी चर्चा भी हुई है।

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