रायपुर। रायपुर के बिरयानी में 2 कर्मचारियों की मौत के बाद पुलिस ने मामलें में अशोका बिरयानी के मालिक कृष्णकांत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। मामलें में पुलिस ने बताया कि होटल अशोका बिरयानी में घटित घटना में थाना तेलीबांधा के अपराध क्रमांक 291/24 धारा 304,34 भादवि. के मुख्य आरोपी एवं होटल के संचालक कृष्णकांत तिवारी को गिरफतार किया गया है प्रकरण के दो अन्य आरोपी रोमिना मण्डल एवं रोहित चंद्र जो वर्तमान में जेल में निरूद्ध है जिनके रिहा होने पर प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है। घटना के एक दिन बाद शुक्रवार को भी जमकर प्रदर्शन हुआ। इस बीच देर शाम परिजनों ने दोनों लाश को होटल के दरवाजे पर रखकर नारेबाजी की। तेलीबांधा थाना क्षेत्र के जीई रोड स्थित बिरयानी में गटर साफ करने के दौरान दोनों की मौत हुई थी। इस मामले में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये मौत घटना नहीं है, बल्कि प्रबंधन ने हत्या की है। मौके पर पुलिस बल भी तैनात किया गया है, लेकिन वहां मौजूद लोग आक्रोशित हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहना है कि पुलिस एक हाफ बिरयानी में बिक गई है और होटल के मैनेजमेंट के लोग जो बयान दे रहे है उसी को आधार मानकर एक तरफा कार्रवाई की गई है। वही होटल के मैनेजरों द्वारा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बदलने की भी बातें सामने आ रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि कोई न कोई छुटभैया कांग्रेसी नेता होटल स्टाफ और मैनेजमेंट को बचाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहा है।
जनता से रिश्ता की खबर का असर हुआ और आखिरकार एक हाफ बिरयानी में पुलिस को खरीदने वाले अशोका बिरयानी के मालिक कृष्ण्कांत तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया और पुलिस ने अपनी ताकत और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाया है।
बिरयानी सेंटर का मालिक कृष्णकांत तिवारी जमानत, निरस्त होने के बाद भी फरारी में खुलेआम घूमते रहा
मुंबई निवासी रितु शर्मा भी बिरयानी सेंटर के संचालक कृष्णकांत तिवारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने दादा के नाम पर डीडी थाने के सामने जमीन खरीदी थी जिसे उक्त बिरयानी सेंटर के संचालक कृष्णकांत तिवारी ने फर्जी दस्तावेज के सहारे रजिस्ट्री करवा लिया था जिसकी रिपोर्ट पर डीडी नगर थाने में अपराध दर्ज है। उन्होंने कल पत्रकारवार्ता में बताया कि बिलासपुर हाई कोर्ट ने बिरयानी सेंटर के संचालक तिवारी की जमानत भी ख़ारिज कर दी थी उसके बावजूद रायपुर पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई जबकि वह रायपुर में ही खुलेआम घूम रहा है। इसके आलावा रितु शर्मा ने यह भी आरोप लगाया की उसने उन्हें गुंडों से पिटवाया भी, जिसकी शिकायत भी उन्होंने थाने में की थी कोई कार्रवाई नहीं होने के वजह से वे मुंबई में ही रही। यह मामला अशोका बिरयानी डीडी नगर वाली ब्रांच का है ठीक थाने के सामने जमीन फर्जी तरीके से कब्जा कर रजिस्ट्री करवा लिया। और वहां पर बिरयानी सेंटर खोल लिया। जमीन मालिकों को गूंडे और पुलिस की धमकी देकर भगा दिया। इस मामले आगे जनता से रिश्ता के अगले अंक में विस्तृत जानकारी देंगे।
जबरन गटर में उतारा
मृतक नीलकमल कुमार पटेल (30) जांजगीर चांपा निवासी के भाई दिनेश पटेल ने बताया कि नीलकमल अशोका बिरयानी सेंटर में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था, बावजूद उसे जबरन गटर में उतारा गया। घटना के बाद होटल प्रबंधन ने उसे लगातार गुमराह करते हुए मौत की अलग-अलग वजह बताई। नीलकमल का डेढ़ साल बच्चा भी है। अब प्रबंधन इस मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहता है। हमारे भाई के हत्या का आरोपी अशोक बिरयानी का मालिक है और मालिक ही सभी सच्चाई को छुपाकर सभी कर्मचारियों पर दबाव बनाए रखा है। सच सामने आना चाहिए। सभी कर्मचारियों से अलग-अलग बयान कठोरता से लेना चाहिए। जिससे सच्चाई सामने आ पाएगी। शबाना, रूबीना, पूजा और न जाने कई ऐसी महिला इंजार्च कर्मचारी है जो मालिक की खास बनकर कर्मचारियों पर अत्याचार करती है। जब दोनों मृतकों को सुबह 6 बजे से गटर साफ करने के नाम पर भेजा गया था। तो सुबह 11 बजे लाश के रूप में क्यों निकाला गया।अशोका बिरयानी के सभी ब्रांच में ताले, गृहमंत्री विजय शर्मा ने पीडि़त परिवारों को न्याय का भरोसा दिया।
पुलिस के जांच का विषय ये है
मृतकों ने गटर में घुसने से पहले अपने परिजनों में से किससे आखिरी कॉल बात किया था ? और उससे क्या बातचीत हुई ? हादसे से पहले मृतकों को किसके साथ देखा गया था कौन मृतकों के सबसे करीब था ? किसके साथ दोनों मृतक ज्यादा देर तक बातें करते थे और बिरयानी सेंटर में मृतकों का सबसे अच्छा दोस्त कौन था इसकी भी जांच पुलिस दोनों मृतकों के कॉल डिटेल निकालकर करें। पुलिस को चाहिए कि मृतकों के एक हफ्ते का पुराना कॉल डिटेल सर्च करना चाहिए और मृतकों के परिजनों का बयान दर्ज कर मामलें में कार्रवाई आगे बढ़ानी चाहिए तब जांच सही दिशा में जाएगी।
दोनों मृतकों के परिजनों ने कहा कि घटना को 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। अभी तक एक भी होटल मैनेजमेंट का व्यक्ति बातचीत करने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जब तक मैनेजमेंट का कोई जिम्मेदार व्यक्ति हमसे बातचीत करने नहीं आएगा। तब तक हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस मामले में साहू संघ शहर जिला प्रकोष्ठ और छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना लगातार बिरयानी के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में साहू संघ के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष देवदत्त साहू ने कहा कि दोनों की मौत से समाज में बहुत आक्रोश है। ये गटर सफाई करने वाले नही थे। उनके शरीर में चोट के निशान भी थे। दोनों परिवारों को प्रबंधन की ओर से 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही इस मामलें में FIR भी होना चाहिए।
कर्मचारियों के मौत के मामलें केस दर्ज नहीं, मारपीट के आरोपियों को बचा रही पुलिस
तेलीबांधा क्षेत्र में स्थित बिरियानी सेंटर में दो कर्मचारियों की गटर में संदिग्ध मौत के मामलें में पुलिस ने अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है। जबकि पत्रकारों से मारपीट मामलें में 6 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। मगर पुलिस का एक नया कारनामा देखने को मिला है कि पुलिस ने मामलें में आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 427, 34 के तहत अपराध तो दर्ज कर लिया मगर SDM कोर्ट में आरोपियों को आईपीसी की धारा 151 के तहत पेश किया और न्यायालय के मजिस्ट्रेट को बिरयानी सेंटर में हुए संदिग्ध मौत के मामलें को संज्ञान में नहीं लाया गया जिसकी वजह से मजिस्ट्रेट ने मारपीट के मामलें में पेश हुए 6 आरोपियों को 26 अप्रैल तक जेल भेजा है। पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई के चलते दो युवकों के संदिग्ध मौत मामलें में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
18 अप्रैल को पुलिस को सूचना मिली कि बिरयानी के तेलीबांधा स्थित ब्रांच में दो लोगों की मौत हो गई है। बताया गया कि गटर की सफाई के दौरान कर्मचारी बेहोश हो गए। जब वे काफी देर तक बाहर नहीं आए, तो होटल में काम करने वाले दूसरे कर्मचारी गटर के पास गए। आवाज लगाने पर कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद कुछ कर्मचारियों ने गटर में उतरकर दोनों को बाहर निकाला। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दोनों सफाई कर्मचारियों को तेलीबांधा के निजी हॉस्पिटल लाया गया। यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
मृतकों में एक 30 साल का नीलकुमार पटेल जांजगीर-चांपा जिले के खूंटादहरा का रहने वाला था। वहीं दूसरा 19 साल का डेविड साहू धमतरी के खम्हरिया का रहने वाला था। रायपुर के बिरयानी में गुरुवार को हुई 2 मौत को कवर करने गए पत्रकारों के साथ मारपीट भी हुई थी। होटल स्टॉफ इस घटना को कवर करने से रोक रहा था। इस मामले में एक पत्रकार के गर्दन के पास चोट आई। साथ ही न्यूज चैनल का कैमरा भी तोड़ दिया गया। पुलिस ने बिरयानी की 3 महिला स्टाफ समेत 6 आरोपियों के खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। गिरफ्तार कर आरोपियों को SDM कोर्ट में पेश किया गया। पत्रकारों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विवेक तनवानी ने सभी 6 आरोपियों की जमानत का विरोध किया। इसे स्वीकार कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया।