मोदी की तारीफ वाला बजट : अरुण वोरा

Update: 2024-07-23 11:43 GMT

दुर्ग durg news । वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा arun vora ने आज संसद में प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2024 की कड़ी आलोचना की। उन्होंने बजट को जनता के हितों के विपरीत और केवल कुछ चुनिंदा वर्गों और राज्यों को लाभ पहुंचाने वाला बताया। अरुण वोरा ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया में विभिन्न बिंदुओं पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और इसे "मोदी-बचाओ बजट" करार दिया। अरुण वोरा ने किसानों, युवाओं, महिलाओं, मध्यम वर्ग और ग्रामीण विकास के मुद्दों पर सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, "यह बजट किसानों के लिए धोखा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कोई गारंटी नहीं दी गई है और कर्ज़ में डूबे किसानों के लिए कोई राहत नहीं है। डीजल, कीटनाशक और खाद की बढ़ती कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होगा, बल्कि वे और अधिक संकट में पड़ सकते हैं।"

union budget 2024 युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर वोरा ने कहा, "सरकार ने अगले 5 वर्षों में 4.1 करोड़ नौकरियाँ देने का वादा किया है, लेकिन यह भी एक जुमला साबित हो सकता है। इससे पहले भी 2 करोड़ नौकरियों का वादा हर साल किया गया था, जो पूरा नहीं हुआ। नए रोजगार के अवसर सृजित करने का कोई ठोस रोडमैप नहीं है। केवल इंटर्नशिप का वादा किया गया है, जो कांग्रेस के घोषणापत्र से लिया गया है, लेकिन इसमें युवाओं को वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा।" महिलाओं के मुद्दे पर अरुण वोरा ने कहा, "महिला सशक्तिकरण के नाम पर केवल स्किलिंग और होस्टल की योजनाएँ प्रस्तुत की गई हैं, जो महिलाओं की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं करतीं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है।"

मध्यम वर्ग की समस्याओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "मध्यम वर्ग को आयकर में कोई राहत नहीं दी गई है, जिससे उनकी वित्तीय समस्याएँ बनी रहेंगी। बजट में की गई मामूली कटौतियाँ केवल दिखावे के लिए हैं और वास्तविक लाभ नगण्य है।" ग्रामीण विकास की अनदेखी पर अरुण वोरा ने कहा, "बजट में ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। केवल आधारभूत संरचना पर खर्च किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण जीवन स्तर सुधारने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।"

महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की चुप्पी की आलोचना करते हुए वोरा ने कहा, "बजट में SC, ST और OBC वर्ग के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए कोई नई योजनाएँ प्रस्तुत नहीं की गईं। आम जनता की बुनियादी आवश्यकताओं को नज़रअंदाज करते हुए केवल दिखावे की योजनाओं पर जोर दिया गया है।" राज्यों की अनदेखी पर उन्होंने कहा, "बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे चुनिंदा राज्यों को भारी धनराशि आवंटित की गई है, जबकि अन्य राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, और दिल्ली की अनदेखी की गई है।" *अरुण वोरा ने बजट को निष्कर्षित करते हुए कहा*, "यह बजट वास्तव में 'मोदी-बचाओ बजट' बन गया है, जो केवल कुछ वर्गों और राज्यों को फायदा पहुंचाने का प्रयास करता है, जबकि आम जनता की बुनियादी जरूरतों और समस्याओं को अनदेखा कर रहा है।"

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