अरुण साव ने समाज सुधारक राजा राम मोहन राय की जयंती पर किया नमन

Update: 2024-05-22 03:51 GMT

रायपुर। डिप्टी सीएम अरुण साव ने समाज सुधारक राजा राम मोहन राय की जयंती पर नमन किया. उन्होंने X पर लिखा, भारतीय पुनर्जागरण के ‘जनक’, सती प्रथा एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियों को लेकर समाज में अलख जगाने वाले, आधुनिक भारत के महान समाज सुधारक राजा राम मोहन राय जी की जयंती पर देश और समाज में दिए उनके अविस्मरणीय एवं प्रेरणादायी योगदान के लिए कोटिशः नमन.

राजा राम मोहन रॉय के बारे में शायद ही ऐसा कोई ऐसा हो जो कि न जानता हो. इन्हें हम सभी आधुनिक भारत की नीव रखने वाले के रूप में भी जानते हैं. राजा राम मोहन रॉय का जन्म 22 मई 1772 में हुआ था. इनका जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के राधानगर गांव में हुआ था. दिमाग के मामले में राजा राम मोहन रॉय इतने तेज थे कि उन्होंने महज 15 साल की उम्र में अरबी, संस्कृत, बांगला और पारसी जैसी कई भाषाएं सीख ली थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें रॉय ने अपनी शुरूआती दौर की पढ़ाई अपने गांव में ही हासिल की जबकि, आगे की पढाई पूरी करने के लिए उन्हें पटना भेज दिया गया.

काफी कम उम्र में सीखी कई भाषाएं

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि राजा राम मोहन रॉय ने महज 15 साल की उम्र में पारसी, अरबी, बांगला और संस्कृत भाषा सीख ली थी. आप इस बात से काफी आसानी से उनकी बुद्धि का अंदाजा लगा सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें राजा राम मोहन रॉय एकेश्वरवाद के एक सशक्त समर्थक थे और इन्होने रूढ़िवादी हिंदू अनुष्ठानों और मूर्ती पूजा का त्याग बचपन से ही कर दिया था. वहीं, रॉय के पिता एक हिंदू ब्राह्मण थे.

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