क्या खुुशी ढूंढ रहा है, जब सुकून ही नहीं है...

Update: 2022-07-08 05:52 GMT

ज़ाकिर घुरसेना-कैलाश यादव

हमारे देश में कुछ सालों से अजीब परिपाटी चल पड़ी है। लोग एक दूसरे को नीचा दिखने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। उन्हें देश की एकता अखंडता से कोई लेना देना नहीं है ऐसा महसूस हो रहा है। जिसे देखों मनमर्जी से एक दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं और तो और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी एक तरफ़ा बताने की कोशिश कर रहे हैं। राजस्थान के उदयपुर में टेलर मास्टर कन्हैयालाल, महाराष्ट्र के अमरावती में दवा व्यापारी या मध्यप्रदेश के रतलाम में बुजुर्ग भंवर जैन को मुस्लिम समझ कर पीट-पीट कर मार डालने वाला कृत्य हो ऐसा सब जगह देश का माहौल खऱाब करने के लिए किया जा रहा है। देश के प्रबुद्ध नागरिकों ने भी इसकी भत्र्सना करते हुए। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनाये जाने की वकालत कर रहे हैं।

देश में आपसी सदभावना भी कुछ लोगो के चलते बिगड़ी हुई है। लोगों का चैन सुकून छीन लिया है ऐसे लोगों ने। जनता में खुसुर-फुसुर है कि हम सबको मिलकर देश में शांति बनाये रखने का रास्ता खोजना होगा। किसी ने ठीक है कहा है कि कमाता चला जा रहा है, पर वक्त नहीं है। क्या ख़ुशी ढूंढ रहा है जब सुकून ही नहीं है। बयानों को लेकर राजनीतिक घटना क्रम में देश को गर्त की ओर जाते देखा जा रहा है।

अनुकरणीय पहल, रेलवे ने दिया मासूम को सहारा

रायपुर रेलवे मंडल में पहली बार एक 10 माह की बच्ची की अुकंपा नियुक्ति देने के लिए पंजीयन किया है। ताकि उसे बड़ी होकर नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़े। इस मासूम बच्ची के पिता राजेंद्र कुमार पीपी यार्ड भिलाई में सहायक के पद पर कार्यरत था, जिसका 1 जून को मंदिर हसौद के नजदीक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। इस दुर्घटना में वह अबोध बच गई। लेकिन उसके सिर से माता-पिता का साया उठ गया। रायपुर रेल मंडल ने अनुकंपा नियुक्ति रजिस्ट्रेशन बच्ची के भविष्य को सुरक्षित कर दिया उसकी सर्वत्र सराहना हो रही है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि रेलवे ने वाले भले ही ट्रेन रद्द कर यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी हो, लेकिन मासूम की जिंदगी को आबाद कर दिया है। यह रेलवे का मानवीय दृष्टिकोण सभी कष्टों को भूला देने वाला है।

शाबाश अनन्या...गर्व है देशवासियों को

भारतीय वायुसेना के इतिहास में पिता-पुत्री ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है जो भारतीय इतिहास के पन्नों पर स्वर्णअक्षरों में दर्ज हो गया है। बेटी की उपलब्धि पर पिता को सबसे ज्यादा गर्व महसूस होता है। ऐसा ही अनन्या ने पिता संजय शर्मा के साथ हॉक-132 विमान से फॉर्मेशन के लिए उड़ान भरी, जहां फ्लाइंग आफिसर अनन्या बेहतर लड़ाकू विमान में स्नातक होने से पहले अपना प्रशिक्षण ले रही है। इसके साथ ही यह भाारतीय वायुसेना में ऐसा करने वाली पहली पिता-पुत्री की जोड़ी बन गई है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अब भारत की बेटियां हर मोर्चे पर सशक्त भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत की रक्षा के लिए जब ऐसी बेटियां आगे आएंगे तो दुश्मन का हौसला खुद-ब-खुद पस्त हो जाएगा कोई भारत की ओर आंख उठाकर भी देखने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। शाबाश अनन्या ...।

मुंबइया स्टाइल में आया: सीएम

शिंदे महाराष्ट्र में सियासी उठापटक अब नहीं थमने वाला है। एक तरफ निवृत्तमान सीएम उद्धव टाकरे शिवसेना को और मजबूत करने के लिए शंखनांद कर रहे है वहीं सीएम एकनाथ शिंदे शपथ लेने के बाद अपने गृह नगर ठाणे में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर मैं एक बार कोई वादा करता हूं ं तो मैं खुद की भी नहीं सुनता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने जो जोखिम उठाया उसे लोगों ने सराहा है। मैं पूरे राज्य का दौरा करने जा रहा हूं और हर निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाओं का आवंटन भी करूंगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि वाह शिंदे साहेब शिवसैनिकों की भावनाओं को आपसे भला कौन ज्यादा समझ सकता है। क्योंकि बालासाहेब के सिंहासन में जो दो शेर है, वह जनता की सेवा के लिए जीवंत हो गए है ऐसा महाराष्ट्र की जनता कहने लगी है। एक शिवसेना को मजबूत करने निकल पड़े हैं दूसरा महाराष्ट्र के विकास के लिए।

कानों को सुकून

रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध अब हमारे देश के लिए बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। विभिन्न समाचार पत्रों के अनुसार एवं नोमुरा की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि इस युद्ध का पूरे एशिया में सबसे ज्यादा असर भारत पर पड़ेगा। खुदरा महंगाई दर जो पहले से ही उच्च स्तर पर है, आगे भी बढऩे की सम्भावना जताई जा रही है। भले ही इस युद्ध से भारत के रणनीतिक हित नहीं जुड़े हैं, लेकिन इसका भारत पर आर्थिक असर तो होगा ही। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी माना कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध भारत के विकास के लिए नई चुनौती पैदा करेगा। कोरोना महामारी से हुए आर्थिक नुकसान के बाद अब हालात में सुधार होने जा ही रहा था कि यूक्रेन और रूस का युद्ध भी हमारे लिए परेशानी का सबब बन गया। एक समाचार के मुताबिक दिल बहलाने के लिए ये अच्छी खबर थी की भारत से भी ज्यादा मंहगाई लगभग सौ देशों में है, लेकिन ऐसी खबर सिर्फ कानों को सुकून ही दे सकती है।

प्रधानमंत्री का अपमान ना हो

तेलंगाना में पिछले दिनों भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद पहुंचे थे। उनकी अगवानी के लिए तेलंगाना सरकार की ओर से केवल एक ही मंत्री एयरपोर्ट पहुंचे थे लेकिन जब संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पहुंचे तो मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सहित पूरा मंत्रिमंडल पंहुचा था। जनता में खुसुर-फुसुर है कि राजनीति अपनी जगह है लेकिन जब प्रधानमंत्री के स्वागत की बात हो तो सबको उनका सम्मान करना चाहिए क्योंकि वे देश के प्रधानमंत्री हैं न कि किसी पार्टी के। 

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