कोंडागांव। जिले के तीरंदाजी खिलाड़ी छात्र-छात्राओं ने बुधवार को कलेक्टर दीपक सोनी से भेंटकर उन्हे अपने प्रशिक्षण गतिविधियों तथा उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के सहयोग से प्रशिक्षित उक्त तीरंदाजी खिलाड़ियों ने बताया कि खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत् कोलकात्ता में 7 अगस्त को आयोजित तीरंदाजी स्पर्धा में जिले के 9 खिलाड़ी छात्र-छात्राएं हिस्सा लेंगे। जिसमें रोशन उरांव, श्रेयांश वर्मा, रोहित मोहंता, रमिता सोरी, नेहा मरकाम, सावित्री मंडावी, सुमिता मोहंता, दक्षा यादव एवं कुंती पोयाम सम्मिलित हैं।
इस दौरान कलेक्टर दीपक सोनी ने इन खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को उक्त स्पर्धा मंे शामिल होने प्रत्येक को दो-दो हजार रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान करने सहित इन सभी का उत्साहवर्धन कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोलकाता में आयोजित खेलो इंडिया तीरंदाजी स्पर्धा में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर क्षेत्र का नाम रोशन करें। कलेक्टर श्री सोनी ने कहा कि उक्त स्पर्धा में गोल्ड, सिल्वर तथा ब्रांज मेडल हासिल करने पर सम्बन्धित खिलाड़ियों को क्रमशः 11 हजार रूपये, 7 हजार रूपये एवं 5 हजार रूपये सम्मान निधि जिला प्रशासन की ओर से प्रदान की जायेगी। उन्होने कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय कोण्डागांव में छात्राओं की मांग पर तीरंदाजी खेल उपकरण उपलब्ध कराने आश्वस्त किया। इस मौके पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के तीरंदाजी कोच श्री त्रिलोचन मोहंता ने बताया कि डीआईजी आईटीबीपी श्री राणा युद्धवीर सिंह के मार्गदर्शन में जिले के खिलाड़ी छात्र-छात्राओं का प्रतिभा निखारने की दिशा में वर्ष 2016 से जिला मुख्यालय कोण्डागांव के बालक छात्रावास तथा कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय में 70 छात्र-छात्राओं को तीरंदाजी विधा का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिसमें 20 छात्र तथा 50 छात्राएं सम्मिलित हैं। इन खिलाड़ी छात्र-छात्राओं द्वारा तीरंदाजी विधा में पूरी मेहनत एवं लगन से प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है। यही वजह है कि देश के कोलकात्ता, अमरावती, राजमहेन्द्री, विजयवाड़ा, चण्डीगढ, देहरादून, गुवाहाटी, चंदोली, कड़प्पा, शिवपुरी आदि स्थानों पर विगत वर्षों में आयोजित तीरंदाजी स्पर्धा में अपनी प्रतिभा का श्रेष्ठतम प्रदर्शन राष्ट्ऱीय स्तर पर 9 पदक तथा 215 राज्य स्तरीय पदक हासिल किया है। उन्होने बताया कि इन छात्र-छात्राओं को नियमित रूप से प्रशिक्षण देने के फलस्वरूप खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतर सुधार होने के साथ ही दक्षता में वृद्धि हो रही है।