राजनांदगांव के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी की मनमानी, पत्रकारों से नही कर रहे सही संवाद
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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बज चुका है सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधि शासन की कल्याणकारी योजनाओं को आम लोगो तक पहुंचने में जुटे हैं वही दूसरी ओर विपक्ष दल योजनाओ में खामियां टटोल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गढ़बो नया छत्तीसगढ़ का सपना पूरा करने जमीनी स्तर पर जाकर कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभ पर भेंट मुलाकात कर रहे हैं। वही राजनांदगांव के कलेक्टर डोमन सिंह साप्ताहिक जन चौपाल कार्यक्रम कर जिले के दूरस्थ स्थानों से आए लोगों से मुलाकात कर उनकी मांगों एवं समस्याओं को संवेदनशीलता पूर्वक सुन रहे हैं। कलेक्टर अधिकारियों को जन चौपाल में शासन की योजनाओं से संबंधित प्राप्त आवेदनों को त्वरित निराकरण करने हेतु हितग्राहियों को लाभान्वित करने की दिशा निर्देश रहे हैं। वही आला अधिकारियों की बात करे तो वो अपने ही मन मौजी में खुश है जब मन करे तब आना और कोई भी शासकीय कार्य का बहाना कर घंटो बाहर रहना और अगर पत्रकारों का कॉल आए तो गोल मोल जवाब देना। मिलने की बात आय तो कार्य की अतिव्यस्तता बताना और दुरिया बनाना। अधिकारी कर्मचारी के इस तरह के रवाइयो को लेकर जमीनी स्तर पर काम करने वाले पत्रकारों में असंतोष देखने को मिल रहा है। अब देखना यह है की अधिकारियों के इस तरह के कार्यशैली को जिला प्रशासन कब संज्ञान में लेता है।
दूर दराज से आए लोग हो रहे परेशान
राजनांदगांव जिला कार्यालयों में कर्मचारी से लेकर अफसर निर्धारित समय के बाद कब तक आएंगे और कब चले जाएंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। यहां कर्मचारियों व अधिकारियों की जमकर मनमानी चल रही है। ऐसा लग रहा है जैसे सभी आला जिम्मेदार सरकार व सरकारी नियमों को दरकिनार कर घूम रहे हैं, जिसके तहत आल्हा अधिकारी एवं कर्मचारी सुबह भी दफ्तर अपने तय समय से एक से दो घंटा लेट पहुंचते हैं और दोपहर में लंच का बहाना लेकर गायब हो जाते हैं। जिससे दूरदराज से आए फरियादियों को काफी इंतजार के साथ परेशान होना पड़ रहा है।
क्या अधिकारी कर्मचारी के लिए लागू होगा दिशा निर्देश
विभागों से संबंधित योजनाओ की जानकारी और उनकी समस्याओं का दूर दूर से आए फरियादियों की सही समय में सुनवाई नहीं हो पा रही है? क्या अधिकारियों की उपस्थिति दर्ज करने और फ़ोन अटेंड करने के संबंध में प्रशासन किसी तरह का दिशा निर्देश जारी कर सकता है?