बिलासपुर bilaspur news । एक जुलाई से देशभर में लागू नए कानून के अनुसार पुलिस थानों में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। नए कानून के तहत थानों से अदालतों में पहुंचने वाले मुकदमों की सुनवाई अब नवीन प्रावधानों के तहत की जा रही है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल बलराम प्रसाद ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है, जिसमें बिलासपुर जिला न्यायालय के पांच न्यायिक मजिस्ट्रेटों को मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया है। bilaspur
chhattisgarh high court जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 283 की उपधारा (1) के खंड (बी) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने विशेष रूप से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी को संक्षिप्त मुकदमा चलाने का अधिकार दिया है। यह अधिकार सभी प्रकार के अपराधों के संबंध में होगा। इस सूची में ऐश्वर्या दीवान, कोनिका यादव, आशीष कुमार चंदेल, पार्थ दुबे, और रश्मि मिश्रा को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) के रूप में नियुक्त किया गया है। ये मजिस्ट्रेट बिलासपुर जिले में नए कानून के तहत पेश होने वाले मुकदमों की सुनवाई करेंगे और निर्णय देंगे।
छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय अधिनियम, 1958 की धारा 12 के तहत छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दो न्यायिक अधिकारियों को उनके प्रभार के अलावा अतिरिक्त कामकाज सौंपा है। बलौदाबाजार की कनिष्ठ श्रेणी व्यवहार न्यायाधीश दीक्षा देशलहरे को बलौदाबाजार को सिमगा में भी माह के प्रथम और द्वितीय सप्ताह में कार्यभार सौंपा गया है, जब तक कि योगिता जांगड़े अपने संतान पालन अवकाश से वापस नहीं आ जातीं। इसी प्रकार बैकुंठपुर के कनिष्ठ श्रेणी प्रथम व्यवहार न्यायाधीश अमन तिग्गा को मनेन्द्रगढ़ में आस्था यादव के मातृत्व अवकाश से वापसी तक कार्यभार सौंपा गया है।