मोहला। राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना छत्तीसगढ़ राज्य की महत्वाकांक्षी योजना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना का विस्तार ग्राम पंचायतों के साथ-साथ नगर पंचायत एवं नगर पालिका अनुसूचित क्षेत्रों में किया है। कलेक्टर एस जयर्वधन ने राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का क्रियान्वयन निर्धारित समय-सीमा में करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर ने योजना के प्रचार-प्रसार के लिए नगर पंचायत क्षेत्र में मुनादी एवं फ्लैक्स लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना नगरीय क्षेत्रों में ऑनलाईन प्रविष्टि समय-सीमा में करने के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत अंबागढ़ चौकी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का विस्तार कर अब नगरीय क्षेत्रों में भी शुरू की गई है। इस हेतु नगरीय क्षेत्रों के कृषि भूमिहीन मजदूरों से 15 अप्रैल तक आवेदन मंगाए गए हैं। शासन द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार नवीन आवेदन प्राप्त करने की तिथि 1 से 15 अप्रैल तक निर्धारित की गई है।
पोर्टल में डाटा प्रविष्टि करने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल तक एवं तहसीलदार द्वारा पंजीकृत आवेदनों का निराकरण की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक निर्धारित की गई है। आवेदनों की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति पश्चात ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका क्षेत्रों पर प्रकाशन कर दावा आपत्ति का ग्राम सभा, सामान्य सभा में निराकरण की अंतिम तिथि 8 मई निर्धारित की गई है। सामान्य सभा के निर्णय अनुसार पोर्टल में अद्यतीकरण 14 मई एवं अंतिम सत्यापित सूची के प्रकाशन की तिथि 15 मई निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि नगरीय क्षेत्र में निवासरत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। अनुसूचित क्षेत्रों के नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी आदि नामों से जाना जाता है तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगे। परंतु इस वर्ग के वे परिवार जो शासन में सामयिक भत्ता, आर्थिक सहायता अन्य योजना में प्राप्त कर रहे हों, वे पात्र नहीं होंगे। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के नगर पंचायत कार्यालय अंबागढ़ चौकी से सम्पर्क किया जा सकता है।