जनता से रिश्ता कई वर्षो से नशा के खिलाफ चला रहा बेबाक अभियान
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। सन 1991 में एक हिंदी फिल्म सड़क आई थी जिसका एक गाना जिसमे गाने का बोल था जब जब प्यार पर पहरा हुआ है, प्यार और भी गहरा हुआ है। लेकिन श्रद्धा केस में तो इनके प्यार के बीच में कोई पहरा नहीं था श्रद्धा वाकर और आफताब पूनावाला लिव इन में रहते थे फिर ऐसी कौन सी बात हो गई जिससे आफताब पूनावाला को खौफनाक कदम उठाना पड़ा। ये कैसा प्यार है। आये दिन इस प्रकार की घटना देखने सुनने को मिल ही जाती है आखिर ऐसा किस वजह से हो रहा है। अंत में यही बात सामने आती है कि सब कुछ नशे के वजह से ही हो रहा है। युवा आज नशे के गिरफ्त में हैं। जनता से रिश्ता पिछले कई वर्षो से दारू, गांजा, चरस, अफीम और अन्य नशा के खिलाफ समाचार प्रकाशित करते आ रहा है। लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार लोगों पर कोई असर नहीं हो रहा है। और नतीजा सबके सामने है। मीडिया के अनुसार आफताब ने जिस फ्रिज में श्रद्धा के शरीर के टुकड़े रखे उसी फ्रिज में खाना भी रखता था। दूसरी लड़कियों के साथ भी जुड़ा था, क्राइम शो देखता था। यह सबसे खौफनाक केसों में से एक है। ऐसे केसों को रोकने के लिए के लिए सख्त कानून भी बनना चाहिए। ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो। दिल्ली के महरौली में लिव इन रिलेशन में रह रही युवती श्रद्धा वाकर और आफताब के बारे में मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक दोनों नशे के आदी थे। श्रद्धा और आरोपी युवक आफताब पूनावाला मिलकर शराब, सिगरेट का नशा करते थे, पुलिस को ऐसे कई सबूत मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि यह आपस में शादी भी नहीं करना चाहते थे और इनमें नशा करने के बाद झगड़ा होता था। मीडिया के अनुसार वारदात वाले दिन भी श्रद्धा ने नशे में बर्तन फेंककर आफताब को मारना शुरू कर दिया था। इससे गुस्साए आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी। साजिश के तहत आरोपी ने श्रद्धा के शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाया। शव को ठिकाने लगाने के लिए आरोपी ने क्राइम पेट्रोल और अंग्रेजी फिल्में देखीं। अगर परिवार वाले आफताब और श्रद्धा को वापस लाने की कोशिश करते तो शायद यह हत्याकांड नहीं होता। दोनों ही के परिजनों ने इनको छोड़ दिया था। युवाओ के कदम अगर बहक जाये तो अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है की उन्हें सही रास्ता दिखाएं।
श्रद्धा केस ने चर्चित अनुपमा हत्याकांड की याद दिला दी
इश्क और जंग में सब कुछ जायज होता है ऐसा कहा जाता है लेकिन नए दौर में 21 सदी के इश्क ने सब खत्म कर दिया है। इश्क का खौफनाक चेहरा देखकर लोगों को अब कोफ्त होने लगी है। दिल्ली के शाहदरा में हुए श्रद्धा मर्डर केस की चर्चा पूरे देश में हो रही है। आफताब पूनावाला ने जिस तरह श्रद्धा के 36 टुकड़े करके उसे फ्रीजर में रखा और टुकड़े -टुकड़े में फेंकना शुरू किया। यह काफी विभत्स घटना है लेकिन इससे भी ज्यादा देहरादून का रहा जिसमें राजेश ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी हत्या की हत्या कर 72 टुकड़े किए। वह काफी खौफनाक और दरिंदगी की बेइंतहा थी पर इस केस ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड की याद दिला दी है। देहरादून की शांत दून घाटी में 17 अक्टूबर 2010 को श्रद्धा से ज्यादा खौफनाक वारदात हुई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
2011 में खौफनाक हत्या
इस केस में अनुपमा के पति राजेश ने उसकी हत्या करने के बाद शव के 72 टुकड़े कर दिए थे। इसके बाद वह एक-एक कर टुकड़े को ठिकाने लगाता था। वहीं अनुपमा के परिवार वालों को जब काफी दिनों तक उसकी कोई खोज खबर नहीं मिली तो अनुपमा का भाई सूरज 12 दिसंबर 2010 को दिल्ली से देहरादून पहुंचा. वहां जाने के बाद उसे बहन की हत्या का पता चला. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। 2011 में इस प्रकरण में देहरादून पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
आज का युवा पीढ़ी पूरे तरीके से नशे के गिरफ्त में हैं। नशे के आलम में लड़के ही नहीं लड़कियां भी बवाल कर रहीं हैं। पिछले दिनों रायपुर में वीआईपी रोड क्षेत्र में देर रात्रि पार्टी कर लौट रहे युवको से पान वाले का झगड़ा हुआ था वहां के लोगो से जानकारी मिली थी की उन लड़को के साथ लड़कियां भी थी जो नशे के हालत में गाली गलौच कर हंगामा कर रहीं थीं । लाख कोशिशों के बावजूद भी राजधानी में नाईट पार्टी थमने का नाम नहीं ले रही है। मजे की बात है की राजधानी में नाईट पार्टी में दुर्ग भिलाई, राजनांदगाव के आलावा दूसरे शहरों से भी लड़के लड़किया पहुंच रही है।