दंतेवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास एवं दृढ़ मनोबल के साथ तैयार हुआ आंगनबाड़ी केन्द्र

Update: 2022-04-09 01:53 GMT

दंतेवाड़ा। शिक्षा की बुनियाद सिर्फ संसाधनों की उपलब्धता से मजबूत नहीं होती लेकिन बच्चों की शिक्षा की बात हो तो शिक्षण संस्थान में सुविधाओं की मौजूदगी बच्चों में आकर्षण पैदा करती है, जो बाद में उनकी शिक्षा की नींव तैयार करती है। मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों ने फिर से आंगनबाड़ी केन्द्रों की महत्ता एवं उपयोगिता को बढ़ाया है। आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों की बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए नवीन आधुनिक पद्धतियों को अपनाकर बच्चों को सरलतम तरीके से शिक्षा देने की पहल की गई है। आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से विकसित हों इसके लिए मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को विकसित किया जा रहा है।

ऐसे ही दंतेवाड़ा जिले में मनरेगा योजनान्तर्गत विकासखंड गीदम के ग्राम पंचायतों में मॉडल आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य किया गया है। वे केंद्र जो कि भवन विहीन थे अब वहां भी भवन निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में जिला के भवन विहीन केंद्रों में 100 मॉडल आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास के लिए अलग-अलग गतिविधियां कर बच्चों को सिखाया जा रहा है। जिससे बच्चों में अब रचनात्मक और कलात्मक गतिविधियों के प्रति रुचि बढ़ने लगी है। बच्चों को खेल-खेल में नई चीजें सिखाई जा रही हैं, बच्चों को रोचक ढंग से शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। भवन की दीवारों पर सुंदर-सुंदर चित्र बनाये गये है। इन कलाकृतियों से नन्हे बच्चों को अक्षर बोध, रंगों की पहचान करना, चित्रों के माध्यम से जानवरों के नाम जानने, प्रारम्भिक स्तर पर अंकों के ज्ञान के साथ-साथ बोलने व समझने में मदद मिलती है। वंही केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल और शौचालय की भी समुचित व्यवस्था की गई है। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति में बढ़ोत्तरी हो रही है। वे नियमित प्रतिदिन आंगनबाड़ी केंद्र आकर बहुत ही खुश हैं जहां स्वच्छता के साथ पौष्टिक खानपान व स्वास्थ्य की देखभाल भी की जाती है। आंगनबाड़ी में गरम भोजन, खेल की गतिविधि से बच्चे बहुत खुश हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में छोटे बच्चों को शिक्षा तो मिल ही रहा है। इसके साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को सुपोषित आहार मिल रहा है। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में उन्हें गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुवती माताओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। आंगनबाड़ी केन्द्र के इस बेहतर स्वरूप को देखकर न केवल परिवार के लोग खुश है बल्कि पूरे ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की है।

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