गरियाबंद। मैनपुर विकासखंड अंतर्गत कमार बाहुल्य ग्राम बेहराडीह का आंगनबाड़ी भवन मनरेगा से संवर गया है। अब यहां बच्चे उत्साह के साथ अपने सुनहरे भविष्य के सपने बुन रहे है। मनरेगा एक ऐसी योजना है जो रोजगार की गांरटी तो देती है साथ ही भविष्य की आधारशिला भी बन गई है। बेहराडीह के ऑगनबाड़ी भवन को पंचायत विभाग द्वारा 20 वर्ष पूर्व बनाया गया था। ऑगनबाड़ी भवन पुराने होने के कारण बहुत ही जर्जर हो गया था जो कुछ वर्षों से ज्यादा खराब स्थिति में हो गया था। बच्चों को ऑगनबाड़ी भवन में पढ़ने के लिए भेजना किसी खतरे से कम नहीं था। पालकों के मन में आशंका ने घर कर लिया था कि हमारे बच्चों के भविष्य का क्या होगा। ग्रामीणों की मांग पर आंगनबाड़ी भवन का मुआयना तात्कालिक जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरसिंह ध्रुव, कार्यक्रम अधिकारी राम कुमार कुंजाम व तकनीकी सहायक टेशुलता ध्रुव के द्वारा किया गया।
आंगनबाड़ी की जर्जर स्थिति को देखते हुए मनरेगा योजना से स्वीकृत कराकर पूर्ण कराया गया ताकि बेहराडीह के बच्चों को उज्जवल भविष्य के साथ सुरक्षित शिक्षा प्राप्त हो सके। वर्ष 2021 में आंगनबाड़ी भवन के निर्माण के लिए रोजगार सहायक द्वारा पंचायत प्रस्ताव पास कराकर मनरेगा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होते ही अविलंब कार्य प्रारंभ कराया गया। इससे गांव के 324 लोगों को रोजगार भी मिला। कार्य की कुल स्वीकृति 6.45 लाख रूपये थी जिसमे 1.45 लाख रूपये की राशि अभिसरण व 5 लाख की राशि मनरेगा योजना स्वीकृत हुआ। वर्ष 2021 में स्वीकृति मिलने के पश्चात वर्तमान स्थिति में ऑगनबाड़ी भवन पूर्ण रुप से तैयार हो चुका है। आगनबाड़ी भवन बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गांव बेहराडीह में 64 परिवार निवास करते हैं जिनके बच्चे कमार जनजाति के हैं। कुल 30 बच्चें आंगनबाड़ी भवन निर्माण के कारण अब निर्भय होकर उत्साह के साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मनरेगा न केवल लोगों रोजगार दे रही है बल्की बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए आधार भी तैयार कर रही है।