अमृत मिशन बना जहर, हर सड़क पर गड्ढे, धूल का गुबार

Update: 2023-02-18 05:50 GMT

70 वार्डों के साथ चौक-चौराहों गली मोहल्ले में खोदे गए गड्ढे से लोग हलाकान

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। न जाने जन जीवन अमृत मिशन के पानी में क्या है नशा है लोग पीने से पहले ही गिरकर घायल हो रहे हैं, जगह-जगह पूरे राजधानी के 70 वार्डों के साथ चौक-चौराहों गली मोहल्ले में लोग खोदे गए गड्ढे की लेबल जितना गड्डा नहीं भरने से वहां पड़े निर्माण सामग्री से गिर कर दुपहिया, साइकिल चालक घायल हो रहे हैं। शहर का मुख्य चौराहा स्तंभ चौक जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक 24 घंटे रहता है, वहां बीच सडक़ को खोद दिया गया। न तो वहां संकेतक लगाया गया और न ही कोई सूचना बोर्ड लगाया है जिससेपता चले की यहां आवागमन बंद है। टिकरापारा रोड से नेहरू नगर जाने वाले मार्ग की खुदाई बेतरतीब तरीके से कर रखा है, गड्ढा नहीं भरने से यहां रोज आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। पिछले तीन महीने में जल जीवन अमृत मिशन के खुदाई से सैकड़ों लोग घायल हो चुके है।

रामसागर पारा में तो और भी बुरा हाल है,गड्ढा खोदने के तीन दिन तक गड्ढे को ही नहीं भरा गया लोग गिरते-पड़ते रामसागर मार्ग में चले रहे है। शहर की सकरी से सकरी गलियों को पाइप लाइन बिछाने गड्ढा खोद कर अमृत मिशन ने लोगों की जिंदगी में जहर घोल दिया है। लोगों को जब इस पाइप लाइन पानी पीने को मिलेगा तब तक लाखों लोग घायल चुके होंगे। यह जल जीवन मिशन रायपुर के रहवासियों को लिए नासूर साबित हो रहा है। निगम आयुक्त और पीएचई विभाग को लोग आते-जाते रास्ते में कोसते रहते हैं। विकास के नाम पर सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है। जो काम दो महीने में हो सकता था उसे पिछले दो साल से घिस रहे है? लेकिन अभी तक पूरे 70 वार्डों में आपूर्ति पाइप लाइन नहीं बिछा है सिर्फ गड्ढा खोदने का काम जोरों से चल रहा है। जो लोगों के जीवन में अमृत तो नहीं ला पा रहा है बल्कि जहर जैसी कड़वाहट फैला रहा है।

जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के 50 लाख परिवारों तक नल से पीने का साफ पानी पहुंचाने में दो साल की देरी और धीमे काम पर सरकार बड़ा एक्शन लेने जा रही है। शुक्रवार को इस काम में शामिल 38 ठेकेदारों को लेटलतीफी और लापरवाही के आरोप में नोटिस जारी कर दिया गया है। इसका जवाब एक हफ्ते में मांगा गया है। जवाब नहीं मिला तो संबंधित कंपनी को तुरंत ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी भी दे दी गई है। इनके पास अलग-अलग 25 करोड़ रुपए से लेकर 150 करोड़ रुपए अर्थात कुल 2.5 हजार करोड़ रुपए के काम हैं। छत्तीसगढ़ में 2019 से शुरू हुई जल जीवन मिशन के योजना में 50 लाख घरों तक नल से पानी मार्च 2024 तक पहुंचाना है। लेकिन अभी 19 लाख घरों तक पानी पहुंचाया जा सका है। समीक्षा में पाया गया कि इसमें देरी ठेकेदारों ने की है। विभाग का नियंत्रण नहीं था, कई जगह महीनों से काम बंद है। मिशन संचालक आलोक कटियार ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ठेकेदार विभाग के निर्देश नहीं मान रहे हैं। काम में देरी, इसलिए कटियार ने 38 ठेकेदारों को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा है। इसलिए मिशन डायरेक्टर ने सभी को नोटिस जारी कर दिया है। उनकी ओर से ठेकेदारों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि जिन इलाकों में उन्हें योजना के तहत काम मिला है उनकी समीक्षा के दौरान कई खामियां पाई गई हैं। इनमें अधिकांश काम पिछले आठ महीनों से बंद है या जहां चालू है वहां काम की गति धीमी है। वहीं जिन कामों को पूरा कर लिया गया है वहां पर बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई गई है तथा काम की क्वालिटी भी खराब है। कुछ ठेकेदारों द्वारा अन्य फर्मों के नाम से ठेका लेकर काम किया जा रहा है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं कुछ ने ठेका लेकर उसे पेटी कांट्रेक्टरों को दे दिया है जिन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए पेटी ठेकेदार ग्रामीण इलाकों में अराजक और मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। इससे काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

50 लाख घरों में पानी पहुंचाने मेंं देरी, 38 फर्मों को नोटिस

जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के 50 लाख परिवारों तक नल से पीने का साफ पानी पहुंचाने में दो साल की देरी और धीमे काम पर सरकार बड़ा एक्शन लेने जा रही है। शुक्रवार को इस काम में शामिल 38 ठेकेदारों को लेटलतीफी और लापरवाही के आरोप में नोटिस जारी कर दिया गया है। इसका जवाब एक हफ्ते में मांगा गया है। जवाब नहीं मिला तो संबंधित कंपनी को तुरंत ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी भी दे दी गई है। इनके पास अलग-अलग 25 करोड़ रुपए से लेकर 150 करोड़ रुपए अर्थात कुल 2.5 हजार करोड़ रुपए के काम हैं। छत्तीसगढ़ में 2019 से शुरू हुई जल जीवन मिशन के योजना में 50 लाख घरों तक नल से पानी मार्च 2024 तक पहुंचाना है। लेकिन अभी 19 लाख घरों तक पानी पहुंचाया जा सका है। समीक्षा में पाया गया कि इसमें देरी ठेकेदारों ने की है। विभाग का नियंत्रण नहीं था, कई जगह महीनों से काम बंद है। मिशन संचालक आलोक कटियार ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ठेकेदार विभाग के निर्देश नहीं मान रहे हैं। काम में देरी, इसलिए कटियार ने 38 ठेकेदारों को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा है। इसलिए मिशन डायरेक्टर ने सभी को नोटिस जारी कर दिया है। उनकी ओर से ठेकेदारों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि जिन इलाकों में उन्हें योजना के तहत काम मिला है उनकी समीक्षा के दौरान कई खामियां पाई गई हैं। इनमें अधिकांश काम पिछले आठ महीनों से बंद है या जहां चालू है वहां काम की गति धीमी है। वहीं जिन कामों को पूरा कर लिया गया है वहां पर बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई गई है तथा काम की क्वालिटी भी खराब है। कुछ ठेकेदारों द्वारा अन्य फर्मों के नाम से ठेका लेकर काम किया जा रहा है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं कुछ ने ठेका लेकर उसे पेटी कांट्रेक्टरों को दे दिया है जिन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए पेटी ठेकेदार ग्रामीण इलाकों में अराजक और मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। इससे काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

Tags:    

Similar News

-->